शत्रुघ्न सिन्हा को मिली कायदे की सलाह, अपना लें तो हो जाए तलाक

बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा न जाने क्या चाहते हैं, वो या तो खुल कर बताएं कि पार्टी सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है या फिर बाबुल सुप्रियो की सलाह मान लें।

New Delhi, Feb 04: पिछले कुछ समय से बीजेपी के शत्रु कुछ ज्यादा ही मुखर दिख रहे हैं, हर वो मुद्दा जिस से बीजेपी को परेशानी हो रही है, उसे उठा रहे हैं, अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, सवाल ये है कि शत्रुघ्न सिन्हा की दिक्कत क्या है, वो पार्टी से क्या उम्मीद कर रहे हैं जो पूरी नहीं हो पा रही है. वो कहते हैं कि उनके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है, तो वो क्यों हो रहा है इसका कारण वो खुद बता दें. क्या उनको मोदी सरकार में मंत्री पद नहीं मिला इसलिए नाराज हैं, नाराजगी के कारण पार्टी पर ही हमला बोले जा रहे हैं। अपनी पार्टी के खिलाफ बोलना गलत नहीं है। पहले भी ऐसा होता रहा है। लेकिन ऐसा होने के पीछे कोई कारण तो होना चाहिए। शत्रु के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है तो वो अपनी पार्टी से बगावत करेंगे, बहरहाल हाल ही में राजस्थान उपचुनाव में बीजेपी की हार पर शत्रु ने मजे लिए थे।

Advertisement

शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि बीजेपी को तीन तलाक देने वाला राजस्थान पहला राज्य बन गया है। शत्रु ने आगे लिखा कि सत्तारूढ़ पार्टी के लिए रिकॉर्ड ब्रेकिंग खतरनाक परिणामों के साथ ब्रेकिंग न्यूज- भाजपा को तीन तलाक देने वाला राजस्थान पहला राज्य बन गया है। अजमेर-तलाक, अलवर-तलाक, मांडलगढ़-तलाक। हमारी पार्टी को झटका देते हुए हमारे विरोधियों ने रिकॉर्ड अंतर से चुनावों में जीत दर्ज की है। इस ट्वीट के जरिए शत्रु ने बीजेपी पर निशाना साधा है, राजस्थान पहला मामला नहीं है, जहां भी बीजेपी हारी है, शत्रु ने पार्टी पर हमला किया, जीतने पर ईवीएम पर सवाल उठाए। ये शत्रु की कौन सी नीति है समझ से परे है. आपको पार्टी से इतनी दिक्कत हो रही है, पार्टी में आपके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. लेकिन आप पार्टी छोड़ नहीं रहे हैं, बल्कि पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

Advertisement

ये सब एक सीमा तक सही ठहराया जा सकता है, उसके बाद लोग आपको गंभीरता से लेना बंद कर देते हैं। क्या शत्रु बीजेपी के कपिल मिश्रा बना चाहते हैं। अगर नहीं तो वो खुल कर वो वजह बताएं जिसके कारण वो पार्टी से नाराज हैं। उनकी जो उम्मीद पूरी नहीं हुई उसके बारे में बताएं। अगर वो नहीं बता पाते हैं तो उनको केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियों की सलाह को मान लेना चाहिए। रोज रोज की किचकिच से अच्छा है कि वो खुद ही पार्टी छोड़ दें। बाबुल सुप्रियो ने भी यही कहा है, उनका कहना है कि आपको पार्टी से इतनी नफरत है तो क्यों रोज संसद में आ कर बैठते हैं। क्यों वो इतना सह कर विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं। उनकी विचारधारा पार्टी की विचारधारा से मेल नहीं खा रही है तो वो अपना फैसला लेने के लिए आजाद हैं।

Advertisement

बाबुल सुप्रियो ने ये भी कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा ऐसे हालात क्यों पैदा कर रहे हैं जिस से दूसरे उनको खामोश कहें। ड्रेसिंग रूम की बात बाहर नहीं आनी चाहिए. वो वहीं रहनी चाहिए। बाबुल ने कहा कि आप खुद तन तलाक दे दीजिए और खुद ही बीजेपी छोड़ दीजिए। बाबुल सुप्रियो की सलाह वैसे बुरी भी नहीं है, बिहारी बाबू न जाने किस इंतजार में बैठे हैं, शायद वो ये सोच रहे हैं कि अगले लोकसभा चुनाव में मोदी के नेतृत्व में बीजेपी हारेगी तो वो मजा लेंगे, लेकिन इतिहास गवाह है कि पार्टी में रहकर पार्टी की हार की कामना करने वाले नेता बहुत आगे नहीं जा पाए हैं, वो दूसरों के हाथ की कठपुतली बन कर रह जाते हैं। ये बात शत्रु भइया को जितनी जल्दी समझ आ जाए उतना अच्छा है, नहीं तो वो रोज रोज बयान तो दे ही रहे हैं, धीरे धीरे लोग उनको गंभीरता से लेना भी बंद कर देंगे, ये मान लिया जाएगा कि वो बीजेपी में रहकर इसी तरह की बात करते हैं।