हिंदुस्‍तान का ‘गुस्‍सा’ : शहीदों हम शर्मिंदा हैं, तुम्‍हारे कातिल जिंदा हैं

पाकिस्‍तान की ओर से की गई फायरिंग में अब तक हिंदुस्‍तान के चार सिपाही शहीद हो चुके हैं। शहीदों की शहादत का बदला कब लेगी मोदी सरकार ?

New Delhi Feb 05 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आखिर हम कब तक यूं ही अपने जवानों को खोते रहेंगे। आखिर कब तक हम वीर जवानों के शवों को ढोते रहेंगे। हमें मालूम है कि सीमा पर हिंदुस्‍तान की फौज पाकिस्‍तान को करारा जवाब दे रही है। लेकिन, ऐसे जवाब का क्‍या फायदा कि पड़ोसी मुल्‍क से एक भी मौत की खबर नहीं आती है और हमारे यहां चार-चार जवानों की लाशें बिछ जाती हैं। आखिर आप कैसे शहीदों की शहादत का बदला लेंगे ? पाकिस्‍तान से आर-पार की जंग करनी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पाकिस्‍तान के खिलाफ हिंदुस्‍तान को कुछ ऐसा करना होगा कि उसकी आने वाली पीढि़यां भी भारत के खिलाफ नजर उठाने में डरें। आज हमें ये बात कहते हुए बेहद अफसोस हो रहा है कि शहीदों हम शर्मिंदा हैं, तुम्‍हारे कातिल जिंदा हैं। जी हां जब तक हमारे शहीदों के कातिल पाकिस्‍तान में जिंदा रहेंगे हर हिंदुस्‍तानी का खूल खौलता रहेगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जरा सोचिए कि आखिर हमारी कार्रवाई में कहां खोट रह गई कि पाकिस्‍तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है ? आखिर उसकी हिम्‍मत कैसे हुई कि वो एलओसी पर हिंदुस्‍तान की चौकियों पर छोटी मिसाइलों से हमला कर दे? हमारे जवानों को शहीद कर दे। वो हमारे बंकर उड़ा रहा है हिंदुस्‍तानी फौज भी पाकिस्‍तान के बंकरों को तबाह कर रही हैं। लेकिन, अफसोस की बात ये है कि जवानों की शहादत की तादाद हिंदुस्‍तान में पाकिस्‍तान के मुकाबले ज्‍यादा है। मोदी जी अगर पाकिस्‍तान हिंदुस्‍तान से युद्ध चाहता है कि तो एक बार ये भी कर के देख ही लिया जाए। रोज रोज बार्डर पर हमारे जवानों को हम शहीद होते नहीं देख सकते हैं। पाकिस्‍तान को इसका करारा जवाब मिलना ही नहीं चाहिए। नहीं तो दुनिया हमें नामर्द कहेगी। हमें हिंदुस्‍तान की आर्मी पर पूरा भरोसा है। लेकिन, हमें ये भी पता है कि उसकी भी अपनी सीमाएं हैं। अपने बंधन हैं।

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पाकिस्‍तान को सबक सिखाने के लिए उन सीमाओं के बंधन को तोड़ना होगा। तभी शहीदों की शहादत का असली बदला लिया जा सकता है। अगर पाकिस्‍तान हिंदुस्‍तानी फौज पर एंटी गाइडेड मिसाइलें दागता है तो हम शांति के पैगाम की बात नहीं कर सकते हैं। ना ही हमारी फौज हाथ पर हाथ धरे बैठे रह सकती है। मोदी जी छोड़ दीजिए दुनियादारी की चिंता। दिखा दीजिए पूरी दुनिया को हिंदुस्‍तान नामर्द नहीं है। अगर भारत के चार जवान शहीद होते हैं तो दुश्‍मन देश के भी चालीस जवान मरने चाहिए। जिसकी खबर दुश्‍मन देश से आनी चाहिए। ना की हमारी सोशल मीडिया की टीम से। बहुत हो गया कार्रवाई का दिखावा अब कुछ कर दिखाने का वक्‍त है। मोदी जी आपसे निवेदन है कि हमारे शहीदों की शहादत को यूं ही जायां नहीं जाने दीजिए। अगर अब कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। पाकिस्‍तान को उसके घर में घुसकर नहीं मारा गया तो ये आपके और हमारे सिर पर चढ़कर आग मूतेगा।

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कब तक हम एलओसी पर अपने स्‍कूलों को बंद करते रहेंगे। कुछ ना कुछ तो करना ही होगा। कार्रवाई भी ऐसी हो कि पाकिस्‍तान की पुश्‍ते भी याद रखें। इस वक्‍त हर हिंदुस्‍तानी की खूल खौल रहा है। शहीदों की चिताओं को देखकर आंखें नम हैं। दिल में बदले की आग है। मोदी जी ये आग उस वक्‍त तक सुलगती रहेगी जब तक शहीदों के कातिल जिंदा रहेंगे। हम सिर्फ उस मां को सलाम कर शहादत की भरपाई नहीं कर पाएंगे जिसने अपने लाल को हिंदुस्‍तान पर न्‍यौछावर कर दिया है। उस मां के कलेजो को ठंडक तब मिलेगी जब पाकिस्‍तान से जवानों के मरने की खबर आएगी। बार्डर पर हम शांति पाठ नहीं कर सकते। LoC पर खून का बदला खून ही हो सकता है। शत्रु का सर्वनाश करने के लिए इंडियन आर्मी को चंडी का रूप धरना ही पड़ेगा। हिंदुस्‍तानी फौज का त्रिनेत्र खोलना ही पड़ेगा। भिंबर घाटी के शहीदों को असली श्रद्धांजलि तभी मिलेगी।