बॉलीवुड वालों, सेंसर का नया पता नोट कर लो, विवाद से बच जाओगे

बॉलीवुड के लोगों को सेंसर बोर्ड के नए पते को नोट कर लेना चाहिए, फिल्म बाद में शूट होगी, विवाद और आपत्ति पहले होने लगेंगे, बचने के लिए यहीं जाना होगा

New Delhi, Feb 07: जो लोग पद्मावत के विरोध के मुद्दे को समझ नहीं पाए या जिन लोगों ने पद्मावत विरोध का एपिसोड मिस कर दिया, वो लोग निराश ना हों, विवादों का सिलसिला नहीं रुकेगा, पद्मावत पर बम फाड़ विरोध हुआ कमाई उस से भी ज्यादा झामफाड़ हुई, उसी राह पर अब कंगना रानौट की फिल्म मणिकर्णिका चल रही है. झांसी की रानी के जीवन पर बन रही ये फिल्म विवाद में आ गई है, बॉलीवुड की फिल्मों पर जिस तरह से विवाद हो रहा है, विवाद भी दो या तीन संगठन कर रहे हैं तो ऐसे में सेंसर बोर्ड से फिल्म बाद में पास करवाना, इंडस्ट्री वालों को सेंसर बोर्ड का नया पता नोट कर लेना चाहिए। जिस से वो विवाद होने की स्थिति में फौरन उसे निपटा सकें।

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संजय लीला भंसाली की पद्मावत पर विरोध हुआ तो अब बॉलीवुड क्वीन कंगना रानौट की फिल्म मणिकर्णिका पर विवाद शुरू हो गया है. खास बात ये है कि जिस करणी सेना ने पद्मावत का विरोध किया था वो भी इस में शामिल है, दरअसल सर्व ब्राह्मण सभा ने पद्मावत विरोध में करणी सेना का साथ दिया था, तो अब करणी सेना उसी का कर्ज चुका रही है मणिकर्णिका का विरोध करे, फिल्म का विरोध मुख्य तौर पर सर्व ब्राह्मण सभा कर रही है, जिसे मणिकर्णिका के कुछ दृश्यों पर आपत्ति है। खास बात ये है कि दोनों ही संगठन राजस्थान के हैं। पहले आपको बता देते हैं कि विवाद का कारण क्या है। जिसके बाद आप को ये समझने में आसानी होगी कि सेंसर बोर्ड का नया पता राजस्थान क्यों बनता जा रहा है।

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मणिकर्णिका में रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका कंगना रानौत निभा रही हैं, सर्व ब्राह्मण महासभा का आरोप है कि लक्ष्मीबाई को फिल्म में आपत्तिजनक तरीके से दिखाया जा रहा है। उनकी जीवनी के साथ छेड़छाड़ की जा रही है, उनका कहना है कि हमें कुछ ऐसी बातें पता चली हैं जिस से साफ हो रहा है कि फिल्म में गलत तथ्य दिखाए जा रहे हैं, हम इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। ये भी जान लीजिए कि ब्राह्मण सभा को क्या पता चला है, बताया जा रहा है कि फिल्म की कहानी जयश्री मिश्रा की किताब से प्रेरित है, जो उन्होंने 10 साल पहले लिखी थी। इस किताब के मुताबिक पति की मौत के बाद लक्ष्मीबाई ईस्ट इंडिया कंपनी के अंग्रेज एजेंट राबर्ट एलिस से प्यार करने लगी थीं। इसी को लेकर ब्राह्मण सभा को आपत्ति है, उनका कहना है कि प्यार के दृश्य फिल्माए जा रहे हैं।

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खास बात ये है कि कथित तौर पर जिस किताब के तथ्यों पर ये फिल्म बन रही है उसे उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने 2008 में बैन कर दिया था। ब्राह्मण सभा को इस से आपत्ति है कि लक्ष्मीबाई के जीवन को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है, करणी सेना भी उनके विरोध में साथ है। ब्राह्मण सभा की मांग है कि फिल्म के निर्माता ये हलफनामा दें कि इस तरह का कोई सीन शूट नहीं किया जाएगा, और फिल्म के लेखक और इतिहासकारों के नाम बताएंसेंसर बोर्ड तो बाद मं अपना काम करेगा, लेकिन वहां तक पहुंचने से पहले बॉलीवुड वालों को इन संगठनों से होकर गुजरना पड़ेगा, एक तरह से ये अघोषित सेंसर बोर्ड हैं। क्या कंगना रानौत अपनी फिल्म को विवादों से बचाने के लिए सर्व ब्राह्मण सभा की मांगों को मान लेंगी या फिर विवाद बढ़ेगा और उसका फायदा मणिकर्णिका को मिलेगा।