नीतीश जी ने ‘विशेष दर्जे’ की जगह अपने लिये ‘विशेष आवास’ और ‘विशेष सुरक्षा’ की डील कर ली

पलटी मारने का कोई पैमाना और माप होता तो आदरणीय नीतीश जी के दोहरेपन के सामने वह टूटकर चूर-चूर हो जाता।

New Delhi, Feb 07 : नीतीश कुमार ने बिहार के लिए विशेष दर्जे की जगह अपने लिए दिल्ली में “विशेष आवास” और “विशेष सुरक्षा” की डील कर ली।बिहार की पुरानी माँग और हितों के एवज मे नीतीश जी ने अपने व्यक्तिगत हितों को ऊपर रखा। व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति के लिए बिहार के अधिकार से समझौता नहीं करना चाहिए था।

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सुशील मोदी ने विगत वर्ष Nitish Kumar को कड़ा पत्र लिखकर पुछा था कि आपके परिवार में मात्र एक सदस्य है फिर भी आप पटना में दो आलीशान बंगले क्यों लिए हुए है? अब नीतीश जी को दिल्ली में तीसरा आलीशान बंगला मिला है क्या ख़ुलासा मास्टर सुशील मोदी अब CM को दुबारा पत्र लिखेंगे? है हिम्मत? सुशील मोदी जी अब मुँह में बर्फ़ मत जमाइये और बताइये क्यों अनैतिक रूप से नीतीश कुमार ने देशभर में तीन सरकारी बंगले ले रखे है? दिल्ली में बिहार निवास और बिहार भवन के बाद भी मुख्यमंत्री को कौन सी ऐसी प्राइवेसी चाहिए जो इतना बड़ा बंगला लिया है? बोलिये,ख़ुलासा मियाँ!

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हास्यास्पद है कि वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक पूर्व मुख्यमंत्री को मिलने वाले बंगले को भी एक साथ कब्जाए हैं। आश्चर्य नहीं होगा अगर भविष्य मे नीतीश कुमार पूर्व कैबिनेट मंत्री, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और जाने कौन-कौन से रूप में मिलने वाले सभी सुविधाओं के नाम पर दावा ठोक दें।
नीतीश जी दिल्ली में मिले बंगले को अपने शातिराना तरीक़े से बिहार के CM को मिला बंगला बता रहे है। बिहार CM और नीतीश कुमार दो अलग-अलग व्यक्ति है क्या? आजतक तो किसी को भी बिहार CM की हैसियत से दिल्ली में बंगला नहीं मिला। बंगले और Z+ सुरक्षा के लालच में पलटी मार गए क्या?

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बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद जी और श्रीमती राबड़ी देवी जी ‘दो’ की बजाय मात्र एक ही बंगले में रहते है लेकिन नीतीश कुमार जी अकेला व्यक्ति होने के बावजूद पटना में दो और दिल्ली में एक बंगले में रहते है। लालची कौन हुआ कुर्सी बाबू उर्फ़ नैतिक बाबू? जवाब दिजीए!
देश के सबसे बड़े जनाधार वाले क्षेत्रीय दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू जी को मिली सुरक्षा को रौब गाँठने का ज़रिया बताने वाले अनैतिक बाबू अब अपनी Z+ सुरक्षा को ज़रूरत बता रहे है। पलटी मारने का कोई पैमाना और माप होता तो आदरणीय Nitish जी के दोहरेपन के सामने वह टूटकर चूर-चूर हो जाता।

(बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)