कर्नाटक विधानसभा चुनाव : मायावती और देवगौड़ा की ‘केमिस्‍ट्री’ से बिगड़े कांग्रेस के समीकरण

कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले मायावती और देवगौड़ा ने आपस में हाथ मिला लिया है। माना जा रहा है कि बीजेपी और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

New Delhi Feb 09 : कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले ही राज्‍य में सियासी जोड़तोड़ शुरु हो गया है। एक ओर कांग्रेस के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने यहां पर बड़े पैमाने पर मोर्चा खोला हुआ है। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए जनता दल (एस) यानी जेडीएस और बीएसपी एक साथ आ गए हैं। मायावती और एचडी देवगौड़ा के एक साथ आने से माना जा रहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी का भी सियासी गणित गड़बड़ा सकता है। हालांकि मायावती और देवगौड़ा के साथ आने से बीजेपी बहुत परेशान नजर नहीं आ रही है। भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि उसके पास अपना कैडर है। जो कहीं और नहीं जाएगा। जबकि विपक्ष के वोटों में जितना बंटवारा होगा उसके लिए फायदेमंद ही साबित होगा। फिर भी जेडीएस और बीएसपी के गठबंधन को देखते हुए बीजेपी ने नए सिरे से प्‍लानिंग शुरु कर दी है।

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर अभी गुरुवार को ही बीएसपी सुप्रीमो मायावती और एचडी देवगौड़ा ने गठबंधन किया। जेडीएस और बीएसपी गठबंधन को लेकर बाकायदा एक एग्रीमेंट भी साइन किया गया है। जिसमें दोनों ही नेताओं ने हस्‍ताक्षर किए। हालांकि कर्नाटक में बीएसपी का कोई खास जनाधार नहीं है। लेकिन, बदले समीकरण में जेडीएस को लगता था कि अगर मायावती उनके साथ आ गईं तो उन्‍हें कर्नाटक के दलित वोट आसानी से मिल जाएंगे। साल 2013 में जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव हुए थे उस वक्‍त एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस ने कुल चालीस सीटों पर अपनी जीत दर्ज कराई थी। जबकि बहुजन समाज पार्टी का खाता तक नहीं खुल पाया था। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले इस गठबंधन का एलान जेडीएस नेता दानिश अली और बीएसपी के महासचिव सतीश मिश्रा ने ज्‍वाइंट प्रेस कांफ्रेंस कर के किया। उन्‍होंने कहा कि मुझे इस बात का एलान करते हुए काफी खुशी हो रही है‍ कि बीएसपी ने पहली बार जेडीएस के साथ राजनीतिक गठबंधन करने का फैसला किया है।

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JDS के नेता दानिश अली का कहना है कि हम मिलकर कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। जेडीएस और बीएसपी के साझा चुनावी अभियान की शुरुआत 17 फरवरी को बंगलौर से की जाएगी। जिसमें बीएसपी सुप्रीमो मायावती और जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा एक ही मंच पर नजर आएंगे। बीएसपी के महासचिव का कहना है कि बीएसपी और जेडीएस सिर्फ कर्नाटक विधानसभा चुनाव ही साथ नहीं लड़ेंगे बल्कि दोनों दल मिलकर लोकसभा का चुनाव भी लड़ेंगे। दोनों ही दलों के बीच सीटों का भी बंटवारा हो गया है। कर्नाटक में विधानसभा की कुल 224 सीटें हैं। सीट शेयरिंग फार्मूले के मुताबिक बहुजन समाजपार्टी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सिर्फ बीस सीटों पर ही अपने उम्‍मीदवार उतारेगी। जबकि 204 सीटों पर जेडीएस चुनाव लड़ेगी। हालांकि बीएसपी के नेता जेडीएस के लिए सभी सीटों पर प्रचार करेंगे और जेडीएस के नेता भी बीएसपी की बीस सीटों पर प्रचार करेंगे। मायावती और एचडी देवगौड़ा की संयुक्‍त रैलियां भी कराई जाएंगी।

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए इस गठबंधन ने अपने मुख्‍यमंत्री का नाम भी तय कर दिया है। बीएसपी और जेडीएस गठबंधन में जेडीएस नेता एचडी कुमारस्‍वामी मुख्‍यमंत्री का चेहरा होंगे। एचडी कुमारस्‍वामी पहले भी कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री रह चुके हैं। इस गठबंधन से कांग्रेस पार्टी का समीकरण बिगड़ता हुआ नजर आ रहा है। लेकिन, बीजेपी को नुकसान की बजाए फायदा होता दिख रहा है। वैसे भी इस बात कर्नाटक में मुख्‍य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी में ही दिखेगा। कर्नाटक की राजनीति पर नजर रखने वालों का कहना है कि इस बार सिद्धारमैया की सरकार का हाल भी हिमाचल में वीरभद्र सिंह जैसा ही होने वाला है। कांग्रेस यहां पर ऐडी चोटी का जोर भी लगा ले तब भी उसकी लाज कोई नहीं बचा सकता। कर्नाटक के लोगों में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार के खिलाफ काफी गुस्‍सा है। वहीं जेडीएस का भी प्रदर्शन भी ऐसा कुछ खास नहीं रहा है जिसे देखकर ये कहा जाए कि वो कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मुकाबले में शामिल भी होगी। हालांकि कौन मुकाबले में रहेगा और कौन मुकाबले से बाहर ये आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।