हनी ट्रैप : जिस्‍म की आग बुझाने के लिए देशद्रोही बना इंडियन एयरफोर्स का ग्रुप कैप्टन

इंडियन एयरफोर्स का एक ग्रुप कैप्टन पाकिस्‍तान के हनी ट्रैप में फंस गया। प्‍यार के जाल में फंसा ये अधिकारी ISI को खुफिया जानकारी मुहैया करा रहा था।

New Delhi Feb 09 : दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्‍टन अरुण मारवाह को गिरफ्तार कर लिया है। अरुण मारवाह पर पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को खुफिया दस्‍तावेज मुहैया कराने का आरोप है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई हनी ट्रैप के जरिए 51 साल के अरुण मारवाह से जानकारियां जुटा रही थी। बताया जा रहा है कि इंडियन एयरफोर्स का ये ग्रुप कैप्‍टन फेसबुक के जरिए दो महिलाओं के संपर्क में आया था। ये दोनों ही महिलाएं पाकिस्‍तान की हनी ट्रैप थीं। पहले तो इन दोनों महिलाओं ने गंदे-गंदे चैट कर अरुण मारवाह को अपनी ग्रिप में लिया इसके बाद दोनों के बीच व्‍हाट्सअप नंबरों का भी आदान-प्रदान हो गया। बताया जा रहा है कि अरुण मारवाह व्‍हाट्सअप के जरिए ही हनी ट्रैप में शामिल महिलाओं को इंफॉर्मेशन भेजता था। इंडियन एयरफोर्स के इस ग्रुप कैप्‍टन में खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ दिनों पहले ही एयरफोर्स का ग्रुप कैप्‍टन अरुण मारवाह केरल गया था। यहीं पर वो किरण रंधावा नाम की एक महिला के संपर्क में आ गया। किरण रंधावा नाम की ये महिला असल में हनी ट्रैप थी। इंडियन एयरफोर्स का ग्रुप कैप्‍टन अरुण मारवाह सेना हेडक्‍वार्टर में तैनात था। वो हनी ट्रैप में फंस चुका है इस बात की भनक सैन्‍य खुफिया यूनिट और वायुसेना की यूनिट को लग चुकी थी। इसके बाद अरुण मारवाह से काउंटर इंटेलिजेंस विंग की ओर से करीब दस दिनों तक पूछताछ की गई। बाद में उसे दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल के हवाले कर दिया। दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने अरुण मारवाह को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। अदालत ने उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। हालांकि अब तक इस संबंध में इंडियन एयरफोर्स की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

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लेकिन, इस बात की पुख्‍ता जानकारी मिल चुकी है कि वो सोशल मीडिया के जरिए ही हनी ट्रैप का शिकार हुआ और उसने अपने जिस्‍म की आग को बुझाने की खातिर देश की सुरक्षा से समझौता कर डाला। कानून के जानकारों का कहना है कि इस केस में अरुण मारवाह को सात साल तक की जेल हो सकती है। दरसअल, आर्मी ने सोशल मीडिया पर एक्टिव होने के लिए सख्‍त नियम बना रखे हैं। इन नियमों के मुताबिक सोशल मीडिया पर अगर कोई सैनिक जाता है तो उसे अपनी पहचान, पद और तैनाती को किसी से साझा नहीं कर सकती है। इसके साथ ही वो कोई दूसरी डिटेल भी सोशल मीडिया पर शेयर नहीं कर सकता है। इतना ही नहीं वो अपनी वर्दी वाली तस्‍वीर भी सोशल मीडिया पर नहीं लगा सकते हैं। दरसअल, पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी हमेशा से भारतीय सैनिकों और अफसरों को हनी ट्रैप का शिकार बनाने की जुगत में लगी रहती है।

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हनी ट्रैप का शिकार ही सोशल मीडिया के जरिए तलाशा जाता है। आईएसआई के टारगेट पर ऐसे अफसर होते हैं जिनका करेक्‍टर लूज हो और वो आसानी से जिस्‍म की प्‍यास बुझाने की खातिर हनी ट्रैप का शिकार हो जाते हैं। 2015 में भी एक एयरमैन रंजीत केके को गिरफ्तार किया जा चुका है। उसे भी पाकिस्‍तानी महिला एजेंट ने अपने प्‍यार के जाल में फंसाया था। ऐसा ही कुछ अरुण मारवाह के साथ हुआ। किरण रंधावा की जिस महिला ने अरुण को फेसबुक पर फंसाया उसकी उम्र करीब बीस साल है। उसने पहले गंदे-गंदे चैट कर अरुण को अपने जाल में फंसा लिया। अरुण मारवाह की हालत ऐसी हो गई थी वो किरण रंधावा के निजी फोटो और वीडियो देखने के लिए उतावला रहता था। किरण रंधावा की इन्‍हीं अश्‍लील फोटो और वीडियो देखकर वो जासूसी के लिए भी तैयार हो गया। अरुण ने किरण रंधावा को एक सिम भी मुहैया कराता था। इसी पर उससे वो व्‍हाट्अप चैट भी करता था और आर्मी की इंफॉरमेशन भी शेयर करता था।