हो गया योगी आदित्यनाथ की ‘परीक्षा’ की तारीखों का एलान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परीक्षा की घड़ी नजदीक आ गई है। चुनाव आयोग ने दो सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है।
New Delhi Feb 09 : चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की दो और बिहार की एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए तारीखों का एलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश में फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। जबकि बिहार की अररिया सीट पर चुनाव होगा। इसके साथ ही बिहार की दो विधानसभा सीटों पर भी चुनाव के कार्यक्रम का एलान कर दिया गया है। जिसमें जहानाबाद और भभुआ की विधानसभा सीट शामिल है। यूपी की दोनों सीटों पर होने वाले उपचुनाव को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है। चुनाव आयोग ने इन सभी सीटों पर उपुचनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इन सभी सीटों पर 11 मार्च को मतदान होंगे जबकि वोटों की गिनती 14 मार्च को होगी। राजस्थान में हुए उपचुनाव में बीजेपी की करारी हार के बाद सभी दलों की नजरें इस वक्त योगी आदित्यनाथ और बीजेपी पर टिकीं हुई हैं। इन चुनाव में अगर थोड़ा भी हेर-फेर हुआ तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
चुनाव आयोग के मुताबिक इन सीटों पर उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 13 फरवरी से शुरु हो जाएगी। जो बीस फरवरी तक चलेगी। बीस फरवरी को नामांकन का आखिरी दिन होगा। 23 फरवरी को नामांकन वापस लेने की तारीख होगी। सभी लोकसभा और विधानसभा की सीटों पर 11 मार्च को मतदान होगा। 14 मार्च को काउंटिंग होगी। दरसअल, इन उपचुनाव में विपक्षी दल भी अपना पूरा जोर लगाएंगे। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। हालांकि गोरखपुर योगी आदित्यनाथ का गढ़ है। जहां से वो कई बार लगातार सांसद चुने जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ को इस सीट से इस्तीफा देना पड़ा था। तब से गोरखपुर लोकसभा की सीट खाली है। कुछ ऐसा ही हाल फूलपुर लोकसभा सीट का भी है। 2014 में फूलपुर से केशव प्रसाद मौर्य चुनाव जीते थे।
लेकिन, पिछले साल यूपी विधानसभा चुनाव के बाद केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बना दिया गया था। उनके उपमुख्यमंत्री बनने के बाद फूलपुर की सीट खाली हो गई थी। उधर, बिहार में अररिया लोकसभा सीट से आरजेडी के सांसद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद ये सीट खाली हुई थी। जहां 11 मार्च को चुनाव होंगे। बिहार की जहानाबाद विधानसभा से आरजेडी के विधायक मुंद्रिका यादव और भभुआ से भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे आनंद भूषण पांडेय का भी निधन हो गया था। जिसके चलते बिहार की ये दोनों विधानसभा सीट भी खाली हो गई थी। उत्तर प्रदेश में इस वक्त योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव है। वहीं दूसरी ओर बिहार में भी इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए जेडीयू और बीजेपी को कड़ी मेहनत करनी होगी। दूसरी ओर विपक्ष भी इस कोशिश में जुटा हुआ है कि वो इन सभी सीटों पर बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सके।
गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ की जगह लोकसभा का चुनाव कौन लड़ेगा इस पर भी अभी सस्पेंस बना हुआ है। लेकिन, बीजेपी का जो भी कैंडीडेट होगा वो योगी आदित्यनाथ की ही पसंद का होगा क्योंकि उन्हें ही इस अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले इस उपचुनाव पर हर किसी की निगाहें टिकीं हुई हैं। 14 मार्च को ही ये पता चल सकेगा कि किसने बाजी मारी और कौन हारा। ये देखना काफी दिलचस्प रहता है कि कि योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य अपने गढ़ को किस तरह से बचा पाने में सफल हो पाते हैं। बात चाहें फूलपुर संसदीय सीट की हो या फिर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र की। मुकाबला काफी दिलचस्प रहने वाला है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को इन दोनों सीटों पर सभी विपक्षी दलों को मिले कुल वोटों से भी ज्यादा वोट हासिल हुए थे। देखिए बीजेपी का ये वर्चस्व कायम रहता है या फिर तिलस्म टूटता है।