अमित शाह की रैली में निकलेगा गाडि़यों का ‘रेला’, NGT में याचिका, जाट भी विरोध में

हरियाणा के जींद में बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह की प्रस्‍तावित रैली में कानूनी पेंच फंसा दिया गया है। NGT में रैली के खिलाफ याचिका दायर की गई है। जानिए क्‍यों।

New Delhi Feb 09 : भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष 15 फरवरी को हरियाणा के जींद में एक बड़ी रैली का आयोजन करने वाले हैं। लेकिन, उनकी इस रैली को लेकर पहले से कानूनी विवाद खड़ा कर दिया है। अमित शाह की इस प्रस्‍तावित रैली के खिलाफ एक शख्‍स ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍युनल यानी NGT में याचिका दायर की है। जिस पर सुनवाई करते हुए NGT ने राज्‍य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। इसके साथ ही हरियाणा के जाट संगठन भी अमित शाह की इस रैली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की तैयारी में जुट गए हैं। ऐसे में हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर की सरकार इस रैली को लेकर चौतरफा घिरी हुई नजर आ रही है। इस बीच मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने रैली और उसके बाद होने वाले संभावित विवादों और प्रदर्शनों को देखते हुए केंद्र सरकार से 150 कंपनियों के अर्धसैनिक बलों की मांग कर दी है। अमित शाह की रैली को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है।

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दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍युनल में दायर याचिका में अमित शाह की रैली में मोटर साइकिलों की संख्‍या कम किए जाने की मांग की गई है। माना जा रहा है कि 15 फरवरी को जींद में आयोजित होने वाली अमित शाह की रैली में करीब एक लाख बाइकर्स शामिल होंगे। याचिकाकर्ता का कहना है कि इससे पर्यावरण पर प्रभाव पड़ सकता है। इस केस की सुनवाई करते हुए NGT ने इस मामले में हरियाणा सरकार से 13 फरवरी तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। ऐसे में ये दिन हरियाणा सरकार के लिए काफी अहम रहने वाला है। क्‍योंकि इसी दिन की सुनवाई के बाद तय हो पाएगा कि अमित शाह की रैली का क्‍या होगा। खट्टर सरकार का ये तनाव अभी कम भी नहीं हो पाया था कि जाट समुदाय के लोगों ने भी एलान कर दिया कि वो अमित शाह का विरोध करेंगे। हरियाणा सरकार को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वो इन दोहरें संकटों से कैसे उबरे।

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हरियाणा में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह की इस रैली का विरोध करने का फैसला किया है। जाट आरक्षण समिति के विरोध के बाद से ही हरियाणा सरकार के हाथ पांव फूले हुए हैं। ऐसे में हरियाणा सरकार ने केंद्र से मदद की गुहार लगाई है। मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शाह की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बल यानी CAPF की 150 अतरिक्‍त कंपनियां केंद्र से मांगी हैं। हरियाणा के जाटों का आरोप है कि बीजेपी और खट्टर सरकार ने आरक्षण की उनकी मांगों को आज तक नहीं माना। हरियाणा के जाट समुदाय के लेागों की मांग है कि उन्‍हें भी नौ‍करियों और शैक्षिण संस्‍थाओं में आरक्षण दिया जाए। उधर, ओबीसी समुदाय के लोगों का कहना है कि उनके कोटे पर अतिक्रमण कर जाटों का आरक्षण ना दिया जाए। आरक्षण की इसी मांग को लेकर 2016 में हरियाणा में काफी बवाल भी हुआ था।

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अब अमित शाह की रैली से पहले जाट संगठन ये मांग करने लगे हैं कि 2016 में जिन लोगों पर मुकदमें दर्ज कराए गए थे वो मुकदमें वापस लिए जाएं। अगर ऐसा नहीं गिया तो जाट आरक्षण आंदोलन समिति के नेता अमित शाह को काले झंडे दिखाए जाएंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने में दवाब में जाट समुदाय के 822 लोगों के ऊपर से दर्ज मुकदमें वापस लेना का फैसला लिया है। इन 822 लोगों के नाम 70 FIR में है। जाट नेताओं का कहना है कि उन्‍हें और उनके समर्थकों को इस केस में बेवजह फंसाया गया। हालांकि अब मनोहर लाल खट्टर की सरकार इन लोगों पर दर्ज मुकदमें वापस ले चुकी है। लेकिन, फिर भी जाट समुदाय के नेताओं ने बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह की रैली के विरोध का एलान किया है। जाट समुदाय के लोगों ने अमित शाह के विरोध की तैयारियां अभी से शुरु कर दी हैं। जाट नेताओं ने अपने समुदाय और समर्थकों से कहा है कि वो 15 फरवरी को ट्रक भर-भर कर जींद पहुंचे।