किसी पार्टी व सरकार को गरियाने के बहुत मौके मिलेंगे, लेकिन इस पर चुप रहें

जिन्होंने रंगीन चश्मे पहन रखे हैं, उन्हें भी कम से कम इस मामले में थोड़ी देर के लिए अपने चश्मे उतार देने चाहिए। किसी पार्टी व सरकार को गरियाने के अन्य बहुत सारे मौके मिलेंगे।

New Delhi, Feb 11 : कड़े कदाचार विरोधी उपायों के कारण यू.पी.बोर्ड परीक्षा के सिर्फ चार दिनों में अब तक दस लाख 40 हजार परीक्षार्थी परीक्षा छोड़ चुके हैं। परीक्षा अभी चलेगी। और भी छोड़ेंगे।
यू.पी. के स्कूलों में भी लाखों शिक्षकों की कमी है। इसके बावजूद वहां के किसी प्रतिपक्षी पार्टी नेता का यह बयान अब तक नहीं देखा गया है कि ‘यदि पढ़ाई नहीं तो परीक्षा में कड़ाई क्यों ?’

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यू.पी. के परीक्षा केंद्रों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए हैं। कदाचार मुक्त परीक्षा की निगरानी के लिए एस.आई.टी. का गठन हुआ है। UP Examखुद उप मुख्य मंत्री सह शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा इस बात की निगरानी कर रहे हैं कि परीक्षा में चोरी नहीं हो। देखना है कि कुल मिला कर कितनी सफलता मिलती है।
इस साल जो परीक्षार्थी परीक्षा छोड़ रहे हैं , वे एक साल की तैयारी करके अगले साल परीक्षा दे ही सकते हैं। दरअसल उन छात्रों का भी कोई कसूर नहीं।

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उन्हें उम्मीद थी कि पहले जैसी ही चोरी की छूट इस बार भी मिलेगी ही । वे बहती गंगा में हाथ धो लेना चाहते थे। पर, पीढि़यों का भविष्य सुधारने के लिए कभी तो उचित कदम उठाने ही पड़ते हैं।योगी सरकार के कार्यकाल के अभी करीब चार साल बाकी हैं। सत्ता में आने के प्रारंभिक वर्षों में ही ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए। चुनाव की पूर्व संध्या पर नब्बे के दशक में कल्याण सिंह सरकार ने ऐसे ही कदम उठाए थे। मुलायम सिंह यादव ने उसका फायदा उठा कर कल्याण से सत्ता छीन ली थी। किसी भी कीमत पर सत्ता हथिया लेने की कोशिश में लगे नेताओं की बात अलग है।

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पर, जो लोग चुनावों के घिनौने खेल में शामिल नहीं हैं, उन्हें अगली पीढि़यों के भविष्य को ध्यान रखते हुए किसी भी कीमत पर किसी भी तरह की परीक्षा में कदाचार रोकने के कदमों का समर्थन करना चाहिए। UP Exam1जिन्होंने रंगीन चश्मे पहन रखे हैं, उन्हें भी कम से कम इस मामले में थोड़ी देर के लिए अपने चश्मे उतार देने चाहिए। किसी पार्टी व सरकार को गरियाने के अन्य बहुत सारे मौके मिलेंगे।

(वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र किशोर के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)