बोल ओवैसी तेरे पाकिस्‍तानी प्रेमी ‘अकबर’ का क्‍या करें ?

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्‍यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से एक सवाल है कि उनके पाकिस्‍तानी प्रेमी अकबर का क्‍या किया जाए ? जवाब दो।

New Delhi Feb 12 : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने अभी हाल ही में लोकसभा के भीतर मुसलमानों को लेकर एक मांग की थी। असदुद्दीन ओवैसी की मांग थी कि केंद्र की मोदी सरकार मुसलमानों के हक में एक कानून लेकर आए। जिसमें ऐसे उन लोगों को सजा दी जाए जो भारतीय मुसलमानों को पाकिस्‍तानी कहते हैं। ओवैसी का कहना था कि ऐसे लोगों को तीन साल की सजा होनी चाहिए। ओवैसी की ये मांग आई गई हो गई थी। लेकिन, सुंजवान आर्मी कैंप पर हुए हमले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने एक बार फिर ओवैसी को घेरना शुरु कर दिया है। ओवैसी से सवाल किया जा रहा है कि वो बताएं कि उनके पाकिस्‍तानी प्रेमी अकबर के साथ क्‍या सलूक किया जाए। आखिर वो पाकिस्‍तानी प्रेमी अकबर को लेकर चुप क्‍यों बैठे हैं। उनकी जुबान पर ताला क्‍यों पड़ गया है। आखिर ऐसे देशद्रोहियों को क्‍यों और कब तक बर्दास्‍त किया जाए।

Advertisement

दरअसल, मसला क्‍या है जरा उसे भी समझ लीजिए। अभी शनिवार को तड़के जम्‍मू के सुंजवान आर्मी कैंप पर जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकियों ने हमला कर दिया था। आतंकियों के खात्‍मे के लिए आर्मी ने लंबा ऑपरेशन चलाया। इसी बीच शनिवार को ही जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा के भीतर पाकिस्‍तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। नारे लगाने वाला विधायक कोई और नहीं बल्कि नेशनल कांफ्रेंस का एमएलए अकबर लोन था। अकबर लोन की बेशर्मी की हद देखिए जब इस मसले पर विवाद बढ़ा तब भी उसने अपने बयान को सही ठहराया। अकबर लोन का कहना था कि ये उनकी राय है किसी और को इससे कोई दिक्‍कत नहीं होनी चाहिए। लेकिन, सोशल मीडिया पर मौजूद लोगों का साफ तौर पर कहना है कि हमें अकबर लोन के नारे से दिक्‍कत है। कोई भी हिंदुस्‍तानी देश के भीतर पाकिस्‍तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगा सकता है। इतना भी लोकतंत्र ठीक नहीं।

Advertisement

इसी के साथ असदुद्दीन ओवैसी से भी ये सवाल किया जा रहा है कि वो अब अकबर लोन जैसे लोगों को क्‍या कहेंगे। क्‍या वो संसद में अकबर लोन जैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग नहीं करेंगे। क्‍या अब भी ओवैसी अकबर लोन को देशभक्‍त मांगेंगे। सोशल मीडिया पर ओवैसी को नसीहत दी जा रही है कि हिंदुस्‍तान के लोग हर मुसलमान को पाकिस्‍तान नहीं कहते हैं। लेकिन, उन्‍हें पाकिस्‍तानी जरुर कहा जाता है तो इस तरह के नारे लगाते हैं। वो चाहें मुसलमान हों या फिर हिंदू या फिर किसी और धर्म के। हिंदुस्‍तान में रहते हुए जो पाकिस्‍तान के गुणगान करेगा उसे पाकिस्‍तानी ही कहा जाएगा। सोशल मीडिया पर लोगों ने ओवैसी को खुली चुनौती दी है कि अगर उनके भीतर जरा सी भी हिम्‍मत है और देशभक्ति का जरा सा भी जज्‍बा है तो अकबर लोन के खिलाफ बोलकर दिखाएं। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके दिखाएं। साबित करें ओवैसी भी देशभक्‍त हैं।

Advertisement

इन सब विवादों के बीच नेशनल कांफ्रेंस ने भी अकबर लोन के बयान से पल्‍ला झाड़ लिया है। नेशनल कांफ्रेंस के अध्‍यक्ष फारुख अब्‍दुल्‍ला का कहना है कि अकबर लोन का बयान पार्टी की राय नहीं है। उनका कहना है कि हम हिंदुस्‍तान का हिस्‍सा हैं। फारुख अब्‍दुल्‍ला कहते हैं कि दुनिया में किसी की भी इतनी हिम्‍मत नहीं है कि वो हमें हिंदुस्‍तान से अलग कर सके। देशभक्ति की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले फारुख अब्‍दुल्‍ला ने भी अब तक अकबर लोन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। क्‍या ऐसा मुमकिन है कि कोई नेता पार्टी लाइन के बाहर जाकर बयान दे वो भी देशद्रोही बयान और पार्टी उस पर कार्रवाई ना करे, शायद हर किसी का जवाब ना में हो। लेकिन, फारुख अब्‍दुल्‍ला अकबर लोन को बचा रहे हैं। ओवैसी भी चुप हैं। बताइए ऐसे में क्‍या समझा जाए। क्‍या हिंदुस्‍तान में लोकतंत्र के नाम पर देशद्रोही नारेबाजी की इजाजत दी जा सकती है। हरगिज नहीं। लेकिन, राजनीति के इस नंगे हमाम में हो कुछ ऐसा ही रहा है।