ऐसे बयानों से तो खुद की ही लुटिया डुबो लेंगे राहुल गांधी ?

भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के चक्‍कर में कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी बेतुके बयान देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। जरा जानिए।

New Delhi Feb 13 : कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने इस वक्‍त तो भारतीय जनता पार्टी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ परिवार के खिलाफ रणनीति अपना रखी है उसे आत्‍मघाती कहा जा सकता है। बीजेपी, मोदी और संघ पर हमला करने के चक्‍कर में कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी कुछ भी बोल जाते हैं। शायद उन्‍हें लगता है कि देश की जनता वहीं सच मानेगी जो वो कहेंगे। लेकिन, हकीकत में ऐसा है नहीं। जनता जब उनके बयानों का आकलन करती है तो राहुल गांधी हंसी का पात्र बनते हुए नजर आते हैं। सोशल मीडिया के जरिए प्रतिक्रियाएं आनी शुरु हो जाती हैं। चंद मिनटों में ही पता चल जाता है कि उनके बयान में झूठ की कितनी मिलावट है। दरसअल, राहुल गांधी ने एक बार फिर नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वार किया है। उनका कहना है कि मोदी नोटबंदी का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक से पूछकर नहीं बल्कि RSS से पूछ कर लिया था।

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राहुल गांधी ने ये बयान कर्नाटक में दिया। वो इस वक्‍त कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर राज्‍य के चार दिनों के दौरे पर हैं। इस दौरान वो लगातार जनता के बीच जा रहे हैं और केंद्र की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं। राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी उनके निशाने पर हैं। राहुल गांधी का कहना है कि केंद्र सरकार की नीतियों के पीछे संघ परिवार का दिमाग चलता है। राहुल ने HKES कन्वेंशन हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में नोटबंदी बंदी को लेकर मोदी सरकार को घेरा। उन्‍होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला ना तो भारतीय रिजर्व बैंक ने लिया और ना ही केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने। बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का आइडिया राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ से लिया। उनका कहना है कि ये आइडिया आरएसएस के एक पदाधिकारी का था। जो बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग में डाला गया।

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राहुल गांधी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी देश के प्रमुख संस्‍थानों पर कब्‍जा करने की कोशिश कर रही है। इन संस्‍थानों में राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ के लोगों को एडजस्‍ट किया जा रहा है। कर्नाटक के इस कार्यक्रम में राहुल ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के तीन दिन में संघ की आर्मी तैयार करने की बात का भी जिक्र किया। राहुल गांधी का कहना है कि मोहन भागवत ने ये बयान देकर देश के जवानों और उनके बलिदान का अपमान किया है। उन्‍होंने मोहन भागवत से माफी मांगने की भी मांग की। जबकि असल में मोहन भागवत ने कहा था कि आर्मी को अपनी फौज (नए रंगरूटों के साथ) तैयार करने में छह से सात महीने का वक्‍त लगता है लेकिन, अगर आर्मी संघ परिवार के लोगों को तैयार करे तो तीन दिन में आर्मी उनकी आर्मी तैयार हो जाएगी। क्‍योंकि संघ परिवार के कार्यकर्ता पहले से ही काफी अनुशासित हैं। इन्‍हें तैयार होने में ज्‍यादा वक्‍त नहीं लगेगा।

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लेकिन, अपनी राजनीति के चक्‍कर में राहुल गांधी ने मोहन भागवत के पूरे के पूरे बयान को ही मरोड़ दिया। यही काम अब वो नोटबंदी को लेकर कर रहे हैं। क्‍या आपको लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतना बड़ा फैसला ऐसे ही ले लिया होगा। अगर एक पल को मान भी लिया जाए कि नोटबंदी का आइडिया संघ परिवार का था तो भी इसमें क्‍या गलत है। नोटबंदी के फैसले की सराहना केवल देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है। लेकिन, नोटबंदी से उन लोगों को जरुर तकलीफ हुई थी जिनके बाद बेशुमार काला धन मौजूद था। वो आज भी मोदी और नोटबंदी को कोसते हैं। जबकि आम जनता ने उस वक्‍त भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ दिया था और आज भी वो इस मसले पर पीएम मोदी के साथ खड़ी है। लेकिन, देश की जनता राहुल गांधी के बयानों के समर्थन में नहीं है। क्‍योंकि जनता को लग रहा है कि कहीं ना कहीं बयानों को मोल्‍ड किया जा रहा है।