पीएम मोदी की ओमान यात्रा का असर, हिंद महासागर में बढ़ी भारतीय सेना की ताकत
पीएम मोदी की ओमान यात्रा से भारतीय सेना को काफी फायदा हुआ है. चीन के खिलाफ ये एक बड़ी सामरिक बढ़त है, हिंद महासागर में भारत की पकड़ और सख्त हुई है।
New Delhi, Feb 13: पीएम नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों को लेकर विपक्षी नेता हमला करते हैं, वो कहते हैं कि मोदी के विश्व भ्रमण से भारत को कोई फायदा नहीं हो रहा है, लेकिन विरोधी ये भी जानते हैं कि भारत की छवि किस तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदल रही है। किस तरह से दुनिया के कई देशों के साथ भारत के संबंध सुधरे हैं, खास तौर पर वो देश जो भारतीय विदेश नीति का पारंपरिक तौर पर हिस्सा नहीं थे। अब विदेश नीति का ये बदलाव असर दिखा रहा है। हाल ही में पीएम मोदी ओमान की यात्रा पर गए थे। इसका असर ये हुआ है कि भारतीय सेना की ताकत हिंद महासागर में और बढ़ गई है, ये चीन के बढ़ते दखल को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण है।
दरअसल भारत और ओमान के बीच जो समझौते हुए हैं उसके कारण भारतीय नौसेना को ओमान के दुकम बंदरगाह तक अपने जहाज भेजने की मंजूरी मिल गई है। ये सामरिक तौर पर बहुत बड़ा कदम है, इस से हिंद महासागर में भारत की पकड़ मजबूत होगी, खास तौर पर जिस तरह से चीन अपना दखल बढ़ा रहा है उसे देखते हुए ये काफी अहम बात है। चीन ने अगर ग्वादर पोर्ट तक अपनी पहुंच बनाई है तो भारत के पास अब ईरान के चाबहार पोर्ट और ओमान के दुकम पोर्ट तक एक्सेस है। मध्य एशिया में चीन जिस तरह से अपना भौकाल बना रहा है उस मद्देनजर भारत की ये रणनीतिक जीत कही जाएगी। ईरान के चाबहार पोर्ट तक भारत की व्यवसायिक पहुंच पहले से थी, अब ओमान के दुकम पोर्ट के सैन्य इस्तेमाल का रास्ता भी साफ हो गया है।
ओमान के सुल्तान सैयद कबूस अल सईद के साथ पीएम मोदी की मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए, दोनों देशों के बीच सैन्य समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। ये समझौता लागू होने के बाद दुकम पोर्ट और ड्राई डॉक का प्रयोग भारतीय सैन्य जहाजों के रखरखाव के लिए किया जा सकेगा. अब आपको दुकम पोर्ट की भौगोलिक स्थिति के बारे में बताते हैं। ये पोर्ट ओमान के दक्षिण-पूर्वी समुद्र तट पर है और यहां से ईरान के चाबहार बंदरगाह की दूरी बहुत ज्यादा नहीं है। इस तरह से देखें तो इन दोनों पोर्ट के जरिए भारत की सामरिक स्थिति हिंद महासागर में मजबूत हुई है। दुकम पोर्ट पर पिछले कुछ समय से भारत की गतिविधियां बढ़ गई थीं। पिछले साल भारत ने एक पनडुब्बी को यहां भेजा था।
इसी के साथ इस पोर्ट पर नौसेना का जहाज आईएनएस मुंबई और दो पी-8 आई निगरानी विमान भी आए थे। कुल मिलाकर पीएम मोदी जिस तरह से भारत की विदेश नीति को धार दे रहे हैं उसका असर अब दिखाई देने लगा है, विरोधी नेता भी मोदी की तारीफ करते हैं, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि उनके आने के बाद विदेश नीति में गतिशीलता आई है, जाहिर है कि मोदी के विदेश दौरों को लेकर जितने भी हमले किए जाएं, इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि उनके विदेश दौरों से भारत की छवि अच्छी हुई है, साथ ही अपने पड़ोसियों से निपटने में भी भारत को कामयाबी मिल रही है, खास तौर पर चीन के लिए तो भारत सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी बन गया है, चीन के विश्व शक्ति बनने की राह में केवल भारत खड़ा है।