दहशत में आया पाकिस्‍तान, हाफिज सईद के खिलाफ शुरु की कार्रवाई

पाकिस्‍तान पर इस वक्‍त आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई का भारी दवाब है। इसी दवाब में उसने अब हाफिज सईद के खिलाफ शिकंजा कस दिया है।

New Delhi Feb 15 : आतंकवादियों और आतंकी समूहों को सरंक्षण देने के मामले में पाकिस्‍तान बुरी तरह घिरता जा रहा है। उस पर इस वक्‍त अपने मुल्‍क में मौजूद आतंकी समूहों पर कार्रवाई करने का भारी दवाब है। इसी दवाब के चलते पाकिस्‍तान ने अब लश्‍कर-ए-तैयबा के संस्‍थापक और जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। पाक सरकार ने हाफिज सईद के मदरसों और स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों पर कार्रवाई करनी शुरु कर दी है। इससे पहले भी वो हाफिज के संगठनों पर चंदा देने की रोक लगा चुका है। पाक सरकार ने ये रोक लगाते हुए एलान किया था कि अगर कोई भी शख्‍स या संगठन हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठनों को चंदा देते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे व्‍यक्ति को दस साल तक की सजा और जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। आतंकियों के खिलाफ पाकिस्‍तान ये कार्रवाई अमेरिका और भारत के दवाब में कर रहा है।

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दरअसल, आतंकवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका और भारत एकसाथ हैं। जबकि इसी मसले को लेकर अमेरिका और पाकिस्‍तान के बीच 36 का आंकड़ा हो गया है। अमेरिका ने आतंकी संगठनों को पनाह देने के आरोप में पाकिस्‍तान को दी जाने वाली आर्थिक सैन्‍य मदद को भी रोक रखा है। अमेरिका ये खुलासा कर चुका है कि वो पाकिस्‍तान को जिन आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए फंडिंग करता है पाक उन्‍हीं संगठनों को संरक्षण देता है। अमेरिका पिछले 15 सालों में पाकिस्‍तान को तालिबान और हक्‍कानी नेटवर्क के खात्‍मे के लिए काफी पैसा दे चुका है। लेकिन, पाकिस्‍तान ने इन संगठनों के सफाए की बजाए अमेरिकी पैसा ही डकार लिया और इन आतंकी संगठनों का इस्‍तेमाल वो अफगानिस्‍तान में करता रहा। इसी तनातनी के बाद ये मामला संयुक्‍त राष्‍ट्र तक में पहुंच गया था। जिसमें एक केस हाफिज सईद का भी था।

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अभी हाल ही में संयुक्‍त राष्‍ट्र की एक विशेष टीम ने पाकिस्‍तान का दौरा भी किया था और ये पता लगाने की कोशिश की थी इस्‍लामाबाद की ओर से आतंकी हाफिज सईद और उसके संगठन के खिलाफ क्‍या कार्रवाई की गई। हालांकि उसी वक्‍त पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्‍बासी का बयान सामने आया था जिसमें उन्‍होंने एक खास इंटरव्‍यू में ये कहा था कि पाकिस्‍तान में हाफिज सईद साहब पर कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं है, ऐसे में वो उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। शाहिद खाकन अब्‍बासी के इसी बयान के बाद अमेरिका के कान खड़े हो गए थे। भारत भी हमेशा से हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता रहा है। हाफिज 26/11 के मुंबई हमले का भी मास्‍टरमाइंड है। भारत सरकार हाफिज के खिलाफ कई पुख्‍ता सबूत पाकिस्‍तान को सौंप चुका है। फिर भी वो वहां ना सिर्फ खुलेआम घूमता है बल्कि आतंकी गतिविधियों को भी अंजाम देता है।

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हालांकि हाल ही में हाफिज सईद को भी ये एहसास हो गया था कि पाकिस्‍तान की सरकार अमेरिका और भारत के दवाब में उसे गिरफ्तार कर सकती है। इसलिए उसने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग को लेकर लाहौर हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई थी। जिसके बाद लाहौर हाईकोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाई हुई है। हालांकि ये रोक सिर्फ 17 फरवरी तक ही है। इस बीच खबर है कि रावलपिंडी जिला प्रशासन ने हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन के एक मदरसे और चार दवाखानों को अपने कब्‍जे में ले लिया है। हाफिज सईद के मदरसे का जिम्मा औकाफ़ विभाग को सौंपा गया जो मजहबी संपत्तियों पर नियंत्रण रखता है। हालांकि हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा का कहना है कि इन मदरसों से उसका कोई भी लेना देना नहीं है। वहीं पाक सरकार ने हाफिज सईद पर शिकंजा कसने के लिए अटक, चकवाल और झेलम जिलों में अभियान छेड़ दिया है। हालांकि जमात-उद-दावा के दफ्तरों पर कब्‍जा करना सरकार के लिए आसान नहीं है।