हर पेशी पर जज से रहम की भीख मांगते हैं ‘होलियासे’ लालू यादव

जेल के बाहर बेशक लालू यादव लाख हेकड़ी दिखाते रहे हों लेकिन, जेल के भीतर वो भीगी बिल्‍ली ही बने रहते हैं। हर वक्‍त वो रहम की भीख मांगते हैं।

New Delhi Feb 17 : चारा घोटाले के तीन मामलों में आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू यादव को सजा मिल चुकी है। एक मामले में उन्‍हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली हुई है जबकि दो केस में वो सलाखों के पीछे हैं। पिछले महीने ही रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव को चारा घोटाला केस में सजा सुनाई थी। एक केस में उनहें साढ़े तीन साल कैद की सजा दी गई है। जबकि दूसरे केस में पांच साल की। जानकारी के मुताबिक जेल के भीतर लालू यादव की हालत काफी खराब हो रही है। हालांकि जेल में उनका स्‍वास्‍थ्‍य पूरी तरह ठीक है। वो जब भी चारा घोटाले से जुड़े केस की सुनवाई के लिए पेशी पर जाते हैं सीबीआई की विशेष अदालत के जज से रहम की भीख जरुर मांगते हैं। पिछली बार वो चैन से मकर संक्रांति मनाना चाहते थे। इस बार उनका निशाना होली पर है। लालू कभी जज साहब से जल्‍दी फैसला सुनने की मांग करते हैं तो कभी रहम देने की।

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चारा घोटाले के दूसरे मामलों की सुनवाई के दौरान जब आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव सीबीआई कोर्ट पहुंचे तो उन्‍होंने एक बार फिर जज शिवपाल सिंह से गुहार लगाई कि वो इस केस का फैसला होली से पहले-पहले कर दें। इस वक्‍त लालू यादव के खिलाफ चारा घोटाले में जिन दो केसेस की सुनवाई चल रही है उसमें एक मामला दुमका ट्रेजरी से जुड़ा हुआ है जबकि दूसरा केस डोरंड से। दोनों ही केस में बहुत ही तेजी से ट्रायल चल रहा है। उम्‍मीद की जा रही है कि एक महीने के भीतर-भीतर इन दोनों ही केसेस में भी सीबीआई की अदालत अपना फैसला सुना देगी। लालू ने जज शिवपाल सिंह से कहा कि हुज़ूर फैसला जल्‍दी सुना दीजिए। ताकि होली आराम से मना सकूं। लालू यादव की इस बात को सुनकर सीबीआई के जज शिवपाल सिंह थोड़ा मुस्‍कुराए और कहा कि वो जल्‍द ही अपना फैसला सुनाएगा। ये बात सुनकर लालू के चेहरे पर थोड़ी मुस्‍कान आई।

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इसके बाद सीबीआई कोर्ट के जज ने कहा कि वो गलत अफसरों की वजह से फंसे हैं। जैसे ही जज ने ये बात कही लालू यादव फौरन ही उनके सामने नतमस्‍तक मुद्रा में नजर आने लगे। लालू ने कहा कि हुजूर आपका नाम बहुत है। लालू यादव की इस बात पर सीबीआई कोर्ट के जज शिवपाल सिंह ने तपाक से कहा कि मेरा नाम आपके कारण ही हुआ है। इसके बाद लालू ने कहा तब तो रहम कर ही दीजिए सर। इस पर जज साहब मुस्‍कुराए और अपने काम में लग गए। हालांकि होली से पहले लालू को जमानत मिल पाएगी ये कह पाना बहुत मुश्किल है। लालू की ओर से इस साल उन्‍हें मिली दोनों मामले की सजाओं के खिलाफ वो रांची हाईकोर्ट में याचिका लगा चुके हैं। लेकिन, अब तक उन्‍हें एक भी मामले में राहत नहीं मिल सकी है। हालांकि अगर सीबीआई की कोर्ट दुमका ट्रेजरी मामले में होली से पहले सजा सुना भी देती है तब भी वो जेल से बाहर नहीं पाएंगे।

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दरसअल, कानून में प्रावधान है कि अगर लोअर कोर्ट से तीन साल या फिर उससे ज्‍यादा की सजा मिलती है तो फिर उस कोर्ट से दोषी को जमानत नहीं मिल सकती है। जमानत के लिए उसे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना ही पड़ता है। लालू को एक केस में साढ़े तीन साल की सजा मिली है। जबकि दूसरे केस में पांच साल की जेल हुई है। जबकि दो मामलों में अभी ट्रायल चल रहा है। ऐसे में लालू बेशक कोर्ट से कितनी भी गुहार क्‍यों ना लगा लें। लेकिन, उन्‍हें जेल से मुक्ति इतनी आसानी से नहीं मिलेगी। पहले मामले में भी लालू को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल पाई थी। बहुत मुश्किल है कि इस बार भी हाईकोर्ट से लालू को कोई राहत ना मिले। बहरहाल, लालू इस वक्‍त होली के परेशान हैं। लेकिन, हालात देखकर कहा जा सकता है कि लालू यादव की इस बार की होली रांची की बिरसा मुंडा जेल में ही दूसरे कैदियों के साथ ही मनेगी।