गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर अखिलेश यादव ने कर दिया बड़ा ‘गेम’

गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने बड़ी चाल चल दी है। जानिए क्‍या है उनकी रणनीति।

New Delhi Feb 19 : उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव भारतीय जनता पार्टी से अपनी करारी हार का बदला लेना चाहते हैं। अखिलेश यादव के पास इस वक्‍त बीजेपी से बदला लेने के लिए सिर्फ गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव का ही सहारा है। ऐसे में अखिलेश यादव ने गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर बड़ी चाल चल दी है। रविवार को अखिलेश ने इस चुनाव के लिए अपनी पार्टी का उम्‍मीदवार घोषित किया। खास बात ये है कि अखिलेश ने गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के किसी उम्‍मीदवार को टिकट देने की बजाए निषाद पार्टी के अध्‍यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण कुमार निषाद को यहां से अपनी पार्टी का उम्‍मीदवार बनाया है। जाहिर है कि अखिलेश की नजर गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव यहां के निषाद वोटों पर हैं। जिनकी तादाद यहां पर काफी ज्‍यादा है।

Advertisement

निषाद पार्टी पहले से ही समाजवादी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा कर चुकी है। इस घोषणा के बाद ही अखिलेश यादव ने निषाद पार्टी के अध्‍यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण कुमार निषाद को गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव सपा के टिकट पर लड़ाने का फैसला किया। प्रवीण कुमार निषाद सोमवार को इस सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में निषाद बिरादरी के करीब साढे तीन लाख वोटर हैं। अखिलेश यादव का मानना है कि अगर उन्‍होंने निषाद पार्टी के समर्थन से इस बिरादरी का वोट बैंक अपने पक्ष में कर लिया तो उनके उम्‍मीदवार की जीत तय है। हालांकि हर किसी को मालूम है कि इस लोकसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्‍यनाथ का अच्‍छा खासा दबदबा है। सालों से योगी आदित्‍यनाथ इसी सीट से चुनाव जीतकर संसद भवन पहुंच रहे थे। उनके मुख्‍यमंत्री बनने के बाद ये सीट खाली हुई थी।

Advertisement

गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव को जीतना योगी आदित्‍यनाथ के लिए भी नाक का सवाल है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी भी इस चुनाव में अपना पूरा दम लगा देगी। वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल एक जुट होकर यहां योगी आदित्‍यनाथ या कहें बीजेपी के खिलाफ खड़े होने के मूड में हैं। शायद यही वजह है कि छोटे-छोटे दल समाजवादी पार्टी के पाले में जाते हुए नजर आ रहे हैं। निषाद पार्टी के अलावा पीस पार्टी का साथ भी समाजवादी पार्टी को मिल गया है। पीस पार्टी के समर्थन से समाजवादी पार्टी को उम्‍मीद है कि उन्‍हें यहां पर मुसलमानों का भी वोट आसानी से हासिल हो जाएगा। यानी पूर्वांचल में योगी आदित्‍यनाथ और बीजेपी को मात देने के लिए समाजवादी पार्टी ने निषाद पार्टी और पीस पार्टी से गठबंधन कर लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक खुद अखिलेश यादव ने ही गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव को ये नई रणनीति तैयार की है। जिस पर अब अमल किया जा रहा है।

Advertisement

अखिलेश यादव का कहना है कि हमारी पार्टी गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। अखिलेश को भरोसा है कि हम सिर्फ ये चुनाव लड़ेंगे ही नहीं बल्कि लड़कर जीतेंगे भी। अखिलेश यादव का कहना है कि वो इस चुनाव में बीजेपी के उन दोनों घोषणा पत्रों को लेकर जाएंगे जो 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में जनता के सामने रखा गया था। उनका कहना है कि हम सच्‍चाई पर चर्चा करना चाहते हैं। अखिलेश यादव का कहना है कि पहले मोदी और बीजेपी ने चाय पर चर्चा कर लोगों को उलझाए रखा अब पकौड़ों के नाम पर उलझाने की तैयारी है। इस मुद्दे पर अखिलेश ने केंद्र सरकार और यूपी सरकार पर जमकर हमला बोला। जाहिर है इस बार गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में काफी दिलचस्‍प जंग देखने को मिलेगी। क्‍योंकि इस चुनाव को 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए लिटमस टेस्‍ट के तौर पर भी देखा जा रहा है।