सोशल मीडिया पर आ गए त्रिपुरा के नतीजे, बीजेपी का ये हाल हुआ है

त्रिपुरा विधानसभा में बीजेपी और वामदलों के बीच कड़ा मुकाबला है, 3 मार्च को नतीजे आएंगे, उस से पहले ही सोशल मीडिया पर लोगों ने अपना फैसला सुना दिया है।

New Delhi, Feb 19: विधानसभा चुनावों का सिलसिला जारी है, केंद्र में बीजेपी की सरकार पर भले ही आरोप लग रहे हैं, नीरव मोदी का मुद्दा हो या फिर रोटोमेक पेन वाले का मुद्दा है। जनता में नाराजगी भी दिखने लगी है, लेकिन देश के पूर्वोत्तर भाग में शायद इन सबका उतना असर नहीं हुआ है, कम से कम सोशल मीडिया पर तो ऐसा ही लग रहा है, बात कर रहे हैं त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के बारे में। त्रिपुरा चुनाव में जानकारी के मुताबिक लगभग 76 फीसदी मतदान हुआ है, भारी संख्या में जनता द्वारा अपने मताधिकार के इस्तेमाल को राजनीति में बदलाव का संकेत माना जाता है। चुनाव के नतीजे जब आएंगे तब आएंगे, लेकिन उस से पहले भारी मतदान को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने अपना फैसला सुना दिया है।

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त्रिपुरा में वामदल की सरकार है, माणिक सरकार मुख्यमंत्री हैं, लगातार 4 बार से वो इस राज्य की कमान संभाल रहे हैं, इस बार लेकिन हालात थोड़े से बदले हुए दिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर तो लोगों ने बीजेपी की सरकार तक बनवा दी है, यूजर्स कमेंट कर रहे हैं कि माणिक सरकार का समय खत्म हो गया है,. पिछले 20 साल से एक ही दल और शख्स का शासन देख कर राज्य के लोग ऊब गए हैं, वो परिवर्तन चाहते हैं, जिस तरह से सोशल मीडिया पर भाजपा के समर्थक ट्वीट कर रहे हैं उस से तो यही लग रहा है कि जैसे इन सभी को चुनाव के नतीजों से मतलब ही नहीं है, उन्होंने अपना फैसला सुना दिया है और उसके बाद अब किसी और फैसले की जरूरत नहीं है।

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सोशल मीडिया पर भाजपा की अच्छी पकड़ है, बाकायदा हर चुनाव से पहले सोशल मीडिया की टीम प्रचार में जुट जाती है, मतदान से पहले औऱ मतदान के बाद भी माहौल बनाने के लिए ये टीम काम करती है। तो ऐसे में कोई बड़ी बात नहीं कि ये भी भाजपा की सोशल मीडिया टीम का प्रचार हो, हालांकि कुछ और कारण भी हैं जिनके चलते ये कहा जा रहा है कि इस बार भाजपा की जीत पक्की है. त्रिपुरा में भाजपा के लिए प्रचार करने के लिए योगी आदित्यनाथ गए थे, वो सबसे बड़े प्रचारक इस राज्य में थे, इसका कारण नाथ संप्रदाय है, जिसको मानने वाले इस राज्य में लगभग 12 लाख के करीब हैं, 25 लाख मतदाताओं में से एक तिहाई नाथ संप्रदाय को मानते हैं, और योगी आदित्यनाथ इस संप्रदाय के सबसे बड़े गुरू हैं।

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दूसरी तरफ माणिक सरकार पर भले ही भ्रष्टाचार का कोई दाग ना लगा हो, भले ही वो सादगी से रहते हैं, लेकिन इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, सोशल मीडिया पर लोग आरोप लगा रहे हैं कि माणिक सरकार भ्रष्ट नहीं है लेकिन उन्होंने जनता की भलाई के लिए भी कुछ नहीं किया है, वो सैलरी नहीं लेते हैं, एमएलए फंड नहीं लेते हैं, लेकिन ये पैसा जनता के काम नहीं आता है, बल्कि उनकी पार्टी के फंड में जाता है, वहीं पिछले 20 साल से सत्ता में होने के कारण अब सत्ता विरोधी लहर उठनी भी तय है, तो ये सारे कारण हैं जिनको ध्यान में रखें तो समझा जा सकता है कि सोशल मीडिया पर बीजेपी के समर्थन में लोग इतना क्यों ट्वीट कर रहे हैं, इसके अलावा असल नतीजों के लिए तो 3 मार्च तक का इंतजार करना होगा, जब मेघालय और नागालैंड के साथ त्रिपुरा के भी नतीजे आएंगे।