असली डायमंड के नाम पर नकली हीरे का कारोबार करता था मेहुल चौकसी ?
गीतांजलि ज्वैलर्स के मलिक मेहुल चौकसी को लेकर बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि वो कई नामी गिरामी लोगों को लाखों का चूना लगा चुका है।
New Delhi Feb 20 : पीएनबी महाघोटाले में इस वक्त सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की तलाश है। इन दोनों लोगों ने ही मिलकर देश का सबसे बड़ा बैंकिंग सेक्टर का घोटाला किया है। 11 हजार 300 करोड़ रुपए के घोटाले को अंजाम देने वाले नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के बीच मामा भांजे का रिश्ता है। गीजांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चौकसी नीरव मोदी के मामा हैं। चौकसी को लेकर अब बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि मेहुल चौकसी असली डायमंड के नाम पर नकली हीरों का कारोबार करता था। लेकिन, इतना बड़ा ग्रुप होने के कारण इस पर कोई शक नहीं करता था। इसी का फायदा उठाकर चौकसी ने देश में कई नामी गिरामी लोगों को भी लाखों करोड़ों रुपए का चूना लगाया है। इस बात का खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि गीतांजलि जेम्स के पूर्व प्रेसिडेंट और एमडी संतोष श्रीवास्तव ने किया है।
एक टीवी चैनल को दिए खास इंटरव्यू में संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि चौकसी ने सिर्फ पंजाब नेशनल बैंक के साथ ही धोखाधड़ी नहीं की। बल्कि अपने कस्टमर्स को भी खूब चूना लगाया। यहां तक की उसने सेलिब्रिटीज को भी नहीं बख्शा। उन्हें भी असली डायमंड के नाम पर खूब ठगा गया। संतोष श्रीवास्तव ने टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में दावा किया है कि मेहुल चौकसी ने मशहूर सिंगर हिमेश रेशमिया को भी बेवकूफ बनाया था। चौकसी ने हिमेश रेशमिया को अपने ब्रांड के प्रमोशन के लिए हायर किया था। उसने एक एड शूट करवाया गया। जिसके एवज में हिमेश रेशमिया को कैश की बजाए हीरे दिए गए। चौकसी इन हीरों की कीमत दस गुना तक ज्यादा बढ़ाकर उन्हें बेचता था। इसके साथ ही संतोष श्रीवास्तव ने दावा किया है कि कई मौकों पर तो कस्टमर को नकली और कम कीमत के हीरे ऊंचे दाम पर बेंचे गए। लेकिन, बड़ा ब्रांड होने के कारण किसी ने इस पर शक नहीं किया।
संतोष श्रीवास्तव ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक गीतांजलि जेम्स में एक कस्टमर को एक हीरा पचास लाख रुपए का दिया गया। जबकि इसकी असल कीमत सिर्फ दो से तीन हजार रुपए ही थी। संतोष श्रीवास्तव का कहना है कि मेहुल चौकसी असली और नकली हीरों को आपस में मिला था। जिससे वो इस बड़े गोरखधंधे का खेल करता था। हालांकि संजय श्रीवास्तव ने भी बताया कि मैं कभी गीतांजलि जेम्स में हीरों की कीमत को तय करने में सीधे तौर पर नहीं जुड़ा लेकिन, सारा मामला मेरी जानकारी में आ जरूर जाता था। संजय का कहना है कि मैंने कई मौकों पर इस गड़बड़झाले की शिकायत मेहुल चौकसी से भी की। लेकिन, वो हर बार मुझे ये कहकर फटकार देते थे कि ये तुम्हारा नहीं बल्कि हमारा बिजनेस है। तुम अपने काम से मतलब रखो। बाकी क्या हो रहा है इन बातों से अपना दिमाग हटा दो तो बेहतर रहेगा।
संतोष श्रीवास्तव ने गीतांजलि जेम्स में करीब चार साल तक काम किया। उन्होंने 2009 में इस ग्रुप को ज्वाइन किया था और साल 2013 में छोड़ दिया था। संजय श्रीवास्तव का दावा है कि इस दौरान मैंने ग्रुप में कई बार संदिग्ध गतिविधियों को भी होते हुए देखा। हिमेश रेशमिया के मामले का खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि हिमेश को चौकसी ने पचास लाख रुपए के हीरे देने का वादा किया था। हिमेश को हीरे दिए भी गए। लेकिन, जब उन्होंने उन हीरों की मार्केट वैल्यु पता की कि पता चला कि ये काफी कम कीमत वाले हीरे हैं। क्रॉस चेक करने पर सारे मामले का खुलासा हुआ। लेकिन, चौकसी ने गलती से दूसरे हीरे जाने की बात कह कर मामले को शांत करा दिया था। संजय श्रीवास्तव का कहना है कि सिर्फ हिमेश नहीं बल्कि मेहुल चौकसी ने कई सेलीब्रिटीज को इसी तरह ठगा है। अब जिनके पास भी गीतांजलि जेम्स के हीरे हैं वो अपने हीरों की जांच जरुर कराएंगे।