जानिए पाकिस्‍तान कौन सी घुट्टी पिलाकर कश्‍मीरी युवकों को बना रहा है आतंकी ?

पाकिस्‍तान के आतंकी संगठनों ने एक तरह से कश्‍मीर में आतंकी की फैक्‍टरी खोल रखी है। जिसमें कश्‍मीरी युवकों को फिदायीन बनाया जा रहा है।

New Delhi Feb 21 : पाकिस्‍तान के आतंकी संगठन इस वक्‍त कश्‍मीर में आतंक के ट्रेंड को बदलने में जुट गए हैं। इन आतंकी संगठनों ने अब ‘कम रिस्‍क और बड़े नुकसान’ के फार्मूले पर काम करना शुरु कर दिया। अपने इसी फार्मूले के तहत पाकिस्‍तान कश्‍मीर में आतंक की फैक्‍टरी खोलना चाहता है। इसके लिए उसने कश्‍मीरी युवकों को टारगेट किया हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस वक्‍त कश्‍मीर में जैश-ए-मोहम्‍मद, लश्‍कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने कश्‍मीरी युवकों पर अपना फोकस कर लिया है। जिन्‍हें सब्‍जबाग दिखाकर और जेहाद के नाम पर फिदायीन हमलावर बनाया जा रहा है। पाकिस्‍तान की इस नापाक साजिश में सोशल मीडिया का भी जमकर इस्‍तेमाल हो रहा है। खासतौर पर व्‍हाट्सअप ग्रुप के जरिए 18 साल या फिर उससे कम उम्र के लड़कों को ये आतंकी संगठन अपने साथ मिलाने में जुटे हुए हैं।

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कश्‍मीर का पूरा मसला क्‍या है जरा ये भी समझ लीजिए। कश्‍मीर के भीतर हिंदुस्‍तान और पाकिस्‍तान के बीच तकरार है ये बात हर किसी को पता है। लेकिन, पाकिस्‍तान इसी तकरार का फायदा उठाकर कश्‍मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। ताकि घाटी अशांत रहे। वहीं दूसरी ओर भारतीय फौज घाटी में शांति स्‍थापित करने के लिए दिन रात मेहनत कर रही है। एक ओर आतंकियों के खात्‍मे के लिए ऑपरेशन ऑल आउट चलाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर इंडियन आर्मी के जवान कश्‍मीर के सोशल वर्क्‍स के काम में भी जुटे हैं। ताकि कश्‍मीरी युवकों को गुमराह होने से बचाया जा सके। लेकिन, कश्‍मीरी युवकों के बीच पाकिस्‍तान के आतंकी संगठनों की ओर से नफरत का बीज बोया जा चुका है। व्‍हाट्सअप के जरिए उनके भीतर नफरत पैदा की जा रही है। इसके साथ ही कश्‍मीर में मौजूद पाकिस्‍तानी आतंकी संगठनों के ओवर ग्राउंड वर्कर या कहें स्‍लीपर सेल भी सक्रिय हो उठा है।

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इन ओवर ग्राउंड वर्कर या स्‍लीपर सेल को दो तरह के काम सौंपे जा रहे हैं। एक तो इन लोगों को पत्‍थर छोड़कर हथियार उठाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जेहाद का कीड़ा इनके दिमाग में घुसाया जा रहा। इसके साथ ही इन्‍हें ये भी बताया जा रहा है कि अगर ये लोग कश्‍मीर की (फर्जी) आजादी के लिए मौत को गले लगाएंगे तो अल्‍लाह इनकी हर मुराद को पूरी करेगा। मौत के बाद जन्‍नत नसीब होगी। जीते-जी आतंकी संगठनों की ओर से अच्‍छा पैसा मिलेगा। शोहरत भी हासिल होगी। इस तरह के लालच देकर कश्‍मीरी युवकों के हाथों में बंदूक और पेट में विस्‍फोटक बांधा जा रहा है। पाकिस्‍तान के आतंकी संगठनों की ओर से कश्‍मीरी युवकों को टारगेट करने की एक और बड़ी वजह है। वजह इंडियन आर्मी की सख्‍ती है। एक तो ऑपरेशन ऑल आउट में घाटी के भीतर हर दिन आतंकी मारे जा रहे हैं। दूसरे नियंत्रण रेखा से भी उनकी घुसपैठ पर लगाम लग चुकी है।

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ऐसे में घाटी में आतंकियों का अकाल ना पड़े इसलिए पाकिस्‍तान के आतंकी संगठनों ने कश्‍मीरी युवकों को ही अपना निशाना बनाना शुरु कर दिया है। सबसे खास बात ये है कि इन आतंकी संगठनों के निशाने पर 15 से 18 साल के कश्‍मीरी युवक हैं। जिन्‍हें आसानी से बहकाया और बरगलाया जा सकता है। इन आतंकी संगठनों ने घाटी में मौजूद अपने ओवर ग्राउंड वर्कर्स को भी हथियार देने शुरु कर दिए हैं। ताकि इनका रिस्‍क कम और नुकसान ज्‍यादा हो। अभी हाल ही में लेखपुरा में जो एनकाउंटर हुआ था। उसमें भी मारे गए पाकिस्‍तानी आतंकी के मोबाइल फोन से कई सनसनीखेज खुलासे हुए थे। उसके फोन से मिली जानकारी से भी इस बात की तस्‍दीक हुई थी कि पाकिस्‍तान के आतंकी संगठन कश्‍मीरी युवकों को जेहाद के नाम पर आतंकवाद की राह पर धकेल रहे हैं। कश्‍मीर का ये ट्रेंड आने वाले दिनों में सुरक्षाबलों के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो सकता है।