मक्का की मस्जिद में महिलाएं ताश खेलें तो क्या होगा, पढ़िए अंजाम

मक्का मस्जिद में कुछ महिलाएं ताश खेलें तो क्या होगा, ऐसा हुआ है और सोशल मीडिया पर जिस तरह से लोगों की भावनाएं निकल रही हैं वो कुछ कह रही हैं।

New Delhi, Feb 24: इस खबर को किस एंगल से लिखा जाए, क्या ये एक समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाली खबर है या फिर महज एक इत्तेफाक है, या फिर इसे महिलाओं के अधिकार से जोड़ कर देखा जाए. वैसे ये खबर पहले से सोशल मीडिया पर वायरल है. मक्का की मस्जिद में ताश का खेल खेलती कुछ मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर वायरल हो गई है, इस पर लगातार कमेंट आ रहे हैं, लोग अपनी अपनी राय रख रहे हैं। सउदी अरब में तो इस खबर के कारण हंगामा मच गया है, वहां की सरकार हैरान है, दिक्कत ये है कि महिलाओं ने बुर्का पहन रखा है इसलिए उनकी पहचान नहीं हो पाई है, सवाल ये खड़ा हो रहा है कि इन महिलाओं ने जो किया वो सही है या फिर गलत है, मस्जिद में ताश खेलने को लेकर जिस तरह से लोग इनकी बुराई कर रहे हैं उस से ये तो साफ है कि लोगों को ये पसंद नहीं आ रहा है।

Advertisement

मक्का मस्जिद में ताश खेलने वाली महिलाओं को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है, सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने के बाद सउदी अधिकारियों की तरफ से बयान जारी किया गया है। जिस में कहा गया कि पिछले शुक्रवार रात लगभग 11 बजे मस्जिद के सुरक्षाकर्मियों ने चार महिलाओं को कार्ड  गेम खेलते देखा. इसके बाद हमने वहां महिला सिक्‍योरिटी गार्ड्स को उनके पास भेजा, जिन्‍होंने उन्‍हें वहां ऐसा न करने को कहा. सिक्‍योरिटी की बात मानकर महिलाओं ने तुरंत खेल बंद कर दिया और वहां से चली गईं.ये तो अधिकारिक बयान था, लेकिन सोशल मीडिया पर जिस तरह से लोगों ने इन महिलाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है उस से पता चल रहा है कि मस्जिद में ताश या फिर कोई भी खेल खेलना कितना बड़ा अपराध है,

Advertisement

यूजर्स जिननमें ज्यादातर मुस्लिम हैं, वो इन महिलाओं की निंदा कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो चाहते हैं कि इन महिलाओं को सजा दी जाए, इनकी कोड़ों से पिटाई की जाए, जिस से आगे से ऐसी घटना ना हो, यानि लोग इन महिलाओं को उदाहरण बनाना चाहते हैं. यही हमारा सवाल था कि आखिर मस्जिद में ताश खेलने पर क्या होता है, अगर इन महिलाओं की पहचान उजागर हो गई होती तो इनके साथ क्या होता, सउदी अरब में महिलाओं के लिए कानून वैसे ही सख्त हैं, हो सकता है कि इन महिलाओं को कोई कड़ी सजा मिलती, ये पहली बार नहीं है जब मस्जिद में इस तरह की घटना हुई है। इस से पहले भी सउदी अरब में ही कुछ लड़कों ने ऐसी हिमाकत की थी।

Advertisement

साल 2015 में कुछ लड़कों ने मस्‍जिद-ए-नाबवी के अंदर ताश खेला था, उनकी तस्वीर भी सामने आई थी, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उन लड़कों को गिरफ्तार कर लिया था। इस लिहाज सेे देखें तो ये महिलाएं सिर्फ इसलिए किस्मत वाली हैं कि इन्होंने बुर्का पहना हुआ है। अगर बुर्का ना होता तो अब तक न जाने कितने लोग इनको सजा देने के लिए तैयार हो जाते, बहरहाल, किसी भी धार्मिक स्थल पर इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए, लेकिन बात फिर से वही है कि महिलाओं ने कोई इतना बड़ा गुनाह तो किया नहीं है जिसके कारण उनके पीछे लोग इस तरह से पड़ गए हैं। हर धर्म के अपने नियम होते हैं, उनका पालन करना चाहिए, मगर थोड़ी सी गुंजाइश तो रहनी ही चाहिए।