असदुद्दीन ओवैसी तो मामला बिगाड़ देंगे, इस तरह के बयान का मतलब क्या है

असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि विवादित ढांचे की जगह पर मस्जिद ही बनेगी, वो मामला बिगाड़ रहे हैं या फिर माहौल बिगाड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

New Delhi, Feb 25: अयोध्या में राम मंदिर बनेगा या फिर मस्जिद तामील कराई जाएगी, जन्मभूमि पर किसका अधिकार है हिंदुओं का या फिर मुसलमानों का, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई चल रही है, इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम फैसले पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं, अयोध्या राम जन्मभूमि देश के करोड़ों हिंदुओं के लिए आस्था का विषय है, वहीं मस्जिद के तरफदार कह रहे हैं कि आस्था नहीं बल्कि सबूतों के आधार पर फैसला होना चाहिए। इस मुद्दे पर सियासी बयानबाजी भी जमकर हो रही है। असदुद्दीन ओवैसी जो ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष हैं, उन्होंने इस मुद्दे पर एक ऐसा बयान दिया है जिस से मामला बिगड़ सकता है। बातचीत के जरिए सुलह की जो कोशिशें हो रही हैं वो बेकार हो सकती हैं।

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असदुद्दीन ओवैसी ने एक बड़ा बयान दिया है, सुप्रीम कोर्ट में फैसला आना बाकी है, कोर्ट क्या फैसला देगी किस तरह से और किस आधार पर देगी ये उसका अधिकार क्षेत्र है, लेकिन ओवैसी ने पहले ही बयान दे दिया कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में आस्था के आधार पर नहीं बल्कि सबूतों के आधार पर फैसला देना चाहिए, अगर ऐसा होता है तो फैसला हमारे हक में आएगा। इसी के साथ ओवैसी ने ये भी कहा कि बाबरी मस्जिद के ढांचे पर मस्जिद ही बनेगी, हम उस पर से अपना अधिकार कभी नहीं छोड़ेंगे। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहीं, उनके बयान से इस बात का संकेत मिल रहा है कि वो ये तय कर चुके हैं कि मस्जिद से कब्जा नहीं छोड़ा जाएगा।

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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मस्जिद हमारी थी, हमारी है और हमारी ही रहेगी, सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे हक में आएगा, उसके बाद विवादित जमीन पर मस्जिद का निर्माण कराया जाएगा, ओवैसी ने फिर से दोहराया कि आस्था के आधार पर फैसला नहीं आएगा बल्कि वो सबूतों को आधार पर आएगा। देश के सभी मुस्लिमों के नेता के तौर पर बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि मुसलमान विवादित जगह से अपना दावा कभी नहीं छोड़ेंगे। इसी के साथ ओवैसी ने ये भी कहा कि जो लोग हमें डरा रहे हैं, शरीयत के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं उन सभी को ये बताना चाहता हूं कि मस्जिद से हम दावा कभी नहीं छोड़ेंगे। वहां पर मस्जिद थी, और आगे भी मस्जिद ही बनेगी।

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ओवैसी के इस बयान से साफ है कि बाबरी मस्जिद का मुद्दा आसानी से खत्म नहीं होने वाला है, खास बात ये है कि ओवैसी केवल एकतरफा सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं, उनको पूरा यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट में फैसला मुसलमानों के पक्ष में आएगा, लेकिन अगर फैसला मंदिर के पक्ष में आ गया तो वो क्या करेंगे, इस बारे में वो बात नहीं करते हैं, अगर वो ध्यान से सोचेंगे तो लगेगा कि तार्किक तौर पर तो अभी इस मुद्दे पर इस तरह के बयान की जरूरत ही नहीं है. पहले से माहौल बनाने या बिगाड़ने की कोशिश क्यों की जा रही है, केवल ओवैसी ही नहीं बल्कि मंदिर के समर्थक भी इसी तरह की बातें कर रहे हैं। दोनों तरफ से तैयारी इस बात को लेकर की जा रही है कि अगर फैसला पक्ष में नहीं आया तो क्या क्या जाएगा। बस बोल कोई नहीं रहा है।