श्रीदेवी , उफ़ ! तेरा जाना

ऐसी ख़बर जिसे कोई सुनना न चाहे , ऐसी ख़बर जो श्रीदेवी के असमय परलोक गमन की सूचना लिए हुए थी ।

New Delhi, Feb 25 : सुबह की उजास आज उदासी की काली चादर ओढ़ कर आई। ऐसा इसलिए नहीं था की बादल उमड़ – घुमड़ रहे थे, उजाला इसलिए पार्श्व में हो लिया था क्योंकि एक मनहूस ख़बर दबे पाँव इसकी पीठ पर सवार थी । ऐसी ख़बर जो भरोसे के क़ाबिल नहीं , ऐसी ख़बर जिसे कोई सुनना न चाहे , ऐसी ख़बर जो श्रीदेवी के असमय परलोक गमन की सूचना लिए हुए थी ।

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हमारी पीढ़ी की जवानी का ख़ुमार उनकी फ़िल्मों से जुड़ा हुआ था । sridevi1मेरे कई दोस्तों ने चाँदनी बार – बार महज़ इसलिए देखी थी क्योंकि सफ़ेद साड़ी में लिपटी उनकी काया को देख सिर्फ़ ऋषि कपूर नहीं बल्कि वे भी गुनगुना उठाते थे – चाँदनी ओ मेरी चाँदनी ।

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उनका जाना भारतीय सिने जगत की चाँदनी का स्थायी पराभव है । Srideviइधर वे दो फ़िल्मों में अपनी नई दमक के साथ दीखीं थीं । इंग्लिश – विंग्लिश और मॉम। वे हमेशा अपनी हर फ़िल्म से उम्मीद जगाती थीं ।

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श्री ऐसे नाउम्मीद करेंगी जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी । Sridevi2पता नहीं क्यों एक पुराना नग़मा दिमाग़ को ठकठका रहा है – तेरा जाना …..।

(वरिष्ठ पत्रकार शशिशेखर के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)