भगोड़े घोटालेबाजों के लिए मोदी सरकार ने तैयार किया ‘चक्रव्यूह’

करोड़ों रुपए का घोटाला कर देश से भागने वालों के खिलाफ अंकुश लगाने के लिए मोदी सरकार बहुत बड़ा कदम उठाने जा रही है। जानिए पूरी खबर।

New Delhi Mar 01 : विजय माल्‍या देश के सरकारी बैंकों का करीब नौ हजार करोड़ रुपए लेकर भाग चुका है। डायमंड किंग नीरव मोदी भी 13 हजार 400 करोड़ रुपए लेकर फरार है। हालांकि दोनों को पकड़ने की कोशिशें जारी हैं। विजय माल्‍या के खिलाफ तो विदेश में मुकदमा भी चल रहा है। नीरव मोदी भी जल्‍द ही कानून के शिकंजे में आएगा। लेकिन, मोदी सरकार नहीं चाहती है कि भविष्‍य में कोई और विजय माल्‍या या नीरव मोदी बनकर देश का करोड़ों रुपए लेकर चंपत हो जाए। भगोड़े घोटालेबाजों पर अंकुश लगाने के लिए मोदी सरकार ने चक्रव्‍यूह तैयार कर लिया है। इस चक्रव्‍यूह से घोटालेबाजों का बचना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन होगा। भगोड़े घोटालेबाजों पर अंकुश लगाने के लिए मोदी सरकार की कैबिनेट ने प्रस्तावित बिल पर अपनी मुहर लगा दी है। इस बिल में इस तरह के घोटालेबाजों के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं।

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मोदी सरकार के इस नए बिल के मुताबिक देश छोड़कर भागने वाले घोटालेबाजों को “भगोड़ा घोटालेबाज” घोषित किया जाएगा। मोदी सरकार की कैबिनेट ने इस बिल को फ्यूजीटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर बिल का नाम दिया है। जिसे अगले सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। ताकि इसे कानून बनाया जा सके। मोदी सरकार की ओर से इस बिल की पूरी जानकारी केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने दी। शास्त्री भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अरुण जेटली ने कहा कि देश छोड़कर भागने वाले घोटालेबाजों पर अंकुश लगाने के लिए ये बिल लाया जा रहा है। जिसकी तैयारी मोदी सरकार में लंबे समय से की जा रही है। अरुण जेटली ने इस बिल को बजट सत्र के दूसरे हाफ में पेश किया जाएगा। अरुण जेटली ने बताया कि फ्यूजीटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर बिल उन सभी मामलों में मान्‍य होगा जहां पर घोटाला सौ करोड़ या फिर उससे ज्‍यादा का हो।

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फ्यूजीटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर बिल के तहत मोदी सरकार ना सिर्फ उन अपराधियों की पहचान करेगी जिससे घोटाला किया बल्कि उन्‍हें अदालत से भगोड़ा भी करार दिया जाएगा। अरुण जेटली ने बताया कि ये बिल बड़े अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए बनाया गया है। इससे पहले मोदी सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2017-18 के अपने बजट भाषण में ऐसे भगोड़ों की प्रॉपर्टी को जब्त करने को लेकर कानून में बदलाव या फिर नया कानून बनाने का वादा किया था। बताया जा रहा है कि फ्यूजीटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर बिल इकोनॉमिक क्राइम करने वालों को देश छोड़कर भारतीय कानून से बचने वाले अपराधियों पर अंकुश लगाएगा। फ्यूजीटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर बिल वित्तीय खुफिया इकाई को आर्थिक अपराधी को भगोड़ा घोषित करने और पूरी की पूरी प्रॉपर्टी जब्त करने को लेकर आवेदन देने की इजाजत देगा।

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वित्‍तीय खुफिया ईकाई केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाली तकनीकी खुफिया इकाई है। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि इस बिल में मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के तहत अदालत को मामले की सुनवाई की जिम्मेदारी दी जाएगी। दरअसल, इस वक्‍त मोदी सरकार का पूरा फोकस इस बात पर है कि पहले तो देश में किसी भी तरह का कोई घोटाला ना हो। अगर कोई घोटाला करता भी है तो उसे फौरन ही गिरफ्तार किया जा सके। अगर घोटालेबाज देश छोड़कर भागने में कामयाब रहा तो भी उस पर कानून का शिकंजा बना रहे। मोदी सरकार नीरव मोदी और विजय माल्‍या के केस से सबक लेते हुए ही इस तरह की कार्रवाई कर रही है। ताकि कोई दूसरा घोटालाबाज देश को चूना लगाकर बच ना सके। हालांकि इस वक्‍त मोदी सरकार के नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी की गिरफ्तारी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।