ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधे पर बंदूक रखकर ‘सियासी गोली’ चलाना चाहते हैं कमलनाथ ?

मध्‍यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ-साथ कमलनाथ भी सक्रिय हैं। लेकिन, कांग्रेस की मलाई कौन खाएगा जरा जान लीजिए।

New Delhi Mar 02 : इसी साल के अंत में मध्‍यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं। जहां एक ओर इस चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी तैयारी शुरु कर दी है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने भी कमर कस ली है। कांग्रेस पार्टी में चुनाव के साथ-साथ इस बात की भी रार देखने को मिल रही है कि आखिर मध्‍यप्रदेश में मुख्‍यमंत्री पद का दावेदार कौन होगा। दरसअल, इस बार कांग्रेस पार्टी मध्‍यप्रदेश के विधानसभा चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्‍व में लड़ेगी। कांग्रेस को लगता है कि वो एमपी में शिवराज की सत्‍ता को आसानी से हिला देगी। इसीलिए मुख्‍यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर भी कांग्रेस में जंग तेज होती नजर आ रही है। इस जंग में कांग्रेस पार्टी के वरिष्‍ठ नेता कमलनाथ युवा नेता ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के कंधे पर बंदूक रखकर सियासत खेलते हुए नजर आ रहे हैं। दरसअल, कांग्रेस पार्टी में ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के साथ-साथ कमलनाथ भी सीएम उम्‍मीदवार की रेस में शामिल हैं।

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कमलनाथ मध्य प्रदेश के छिंदवाडा से सांसद हैं। वो लगातार नौ बार इस क्षेत्र से चुनाव जीतते रहे हैं। वैसे तो कमलनाथ का कहना है कि अगर मध्‍यप्रदेश में मुख्‍यमंत्री के चेहरे के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम को आगे किया जाता है वो इसका स्‍वागत करेंगे। कमलनाथ मानते हैं कि मध्‍यप्रदेश में पार्टी को जल्‍द ही सीएम पद के उम्‍मीदवार का एलान कर देना चाहिए। क्‍योंकि दिसंबर महीने में मध्‍यप्रदेश विधानसभा के चुनाव होंगे। बेशक कमलनाथ कहते हों कि अगर ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया को मुख्‍यमंत्री का चेहरा बनाया गया तो वो इसका स्‍वागत करेंगे लेकिन, वो खुद को इस रेस से अलग भी नहीं करते। यानी कमलनाथ बड़प्‍पन दिखाने के मूड में हैं। लेकिन, राजनीति में इस तरह की बड़प्‍पन की भाषा को हर कोई समझता है। हालांकि हकीकत में देखा जाए तो इस वक्‍त पार्टी के भीतर कमलनाथ से ज्‍यादा ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया का है।

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दरसअल, कमलनाथ उस दौर के नेता हैं जब राजीव गांधी हुआ करते थे और ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया को राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता है। राहुल गांधी खुद भी चाहते हैं कि इस बार कमान युवाओं को ही सौंपी जाए। इस बात का एहसास कमल नाथ को भी है। शायद इसीलिए वो ना तो ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के नाम का विरोध कर रहे हैं और ना ही मुख्‍यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर अपने नाम को हटा रहे हैं। इकोनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कमलनाथ ने कहा कि वो किसी पद के भूखे नहीं हैं। अगर ज्‍योतिरादित्‍य को मध्‍यप्रदेश में कांग्रेस का चेहरा बनाया जाता है तो उन्‍हें कोई आपत्ति नहीं होगी। वो पार्टी के फैसले का स्‍वागत करेंगे। लेकिन, इसके साथ ही उन्‍होंने ये भी कह दिया कि वो भी इस रेस में शामिल हैं। मतलब साफ है कि कमलनाथ की महत्‍वाकांक्षा साफ झलक रही है। वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस में मध्‍यप्रदेश में सीएम चेहरे के नाम का एलान करना आसान नहीं होगा।

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कांग्रेस हाईकमान मध्‍यप्रदेश में भी राजस्‍थान का फार्मूला अपना सकता है। दरअसल, अभी कुछ दिनों पहले ही राजस्‍थान कांग्रेस के नेताओं की दिल्‍ली में मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में ये निष्‍कर्ष निकला था कि कांग्रेस पार्टी राजस्‍थान विधानसभा चुनाव में किसी को भी मुख्‍यमंत्री पद का उम्‍मीदवार नहीं बनाएगी। राहुल गांधी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। नतीजे आने के बाद तय होगा कि क्‍या किया जाए। अगर कांग्रेस पार्टी जीतती है तो उस वक्‍त तय किया जाएगा कि किसे मुख्‍यमंत्री पद की कमान सौंपी जाए। दरसअल, कांग्रेस हाईकमान नहीं चाहता है कि चुनाव से पहले नेताओं में कोई मतभेद हो। जाहिर है अगर कांग्रेस पार्टी मुख्‍यमंत्री पद के लिए किसी नेता के नाम का एलान करती है तो उसे दूसरे नेताओं की नाराजगी की सामना करना पड़ सकता है। इस तरह का अंसतोष पार्टी को भारी पड़ सकता है। इसलिए बहुत मुमकिन है कि राजस्‍थान की तरह मध्‍यप्रदेश में भी सिर्फ राहुल गांधी को ही पार्टी का चेहरा बनाया जाएगा किसी और को नहीं। लेकिन, कमलनाथ चाहते हैं कि ऐसा ना हो।