भारतीय ‘रुस्तम’ से सहमा पाकिस्तान
भारतीय रुस्तम ने पाकिस्तान और वहां की फौज की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उसकी समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर इससे कैसे निपटा जाए।
New Delhi Mar 02 : क्या कभी आपने सोचा है कि हम बिना बार्डर पर जाए ही अपने दुश्मनों को मार गिराएं। या कभी आपने ये सोचा हो कि हमारा दुश्मन क्या कर रहा है इसकी जानकारी बिना उसकी सीमा में दाखिल हुए ही हमें पता चल जाए। अगर आप ऐसा सोचते हैं तो सही सोच रहे हैं। भारत अपनी सैन्य टेक्नोलॉजी को लगातार बढ़ा रहा है। भारत की मिलिट्री ताकतवर होती जा रही है। वो दिन भी आ गया है जब हम अपनी सीमा में ही बैठे-बैठे ये जान सकेंगे कि हमारा दुश्मन हमारे खिलाफ क्या षणयंत्र रच रहा है। उसके हथियारों का भंडार कहां हैं। कहां पर वो अपनी फौज की मूवमेंट बढ़ा रहा है। कहां वो हरकत करने की फिराक में है। ये सारा काम भारतीय रुस्तम करेगा। जिसकी थोड़ी बहुत जानकारी पाकिस्तान के पास भी पहुंच चुकी है। जब से पाकिस्तान को भारतीय रुस्तम के बारे में पता चला है उसकी हालत खराब है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर भारतीय रुस्तम से निपटा कैसे जाए।
चलिए पहले हम आपको बताते हैं कि आखिर भारतीय रुस्तम है कौन और कैसे काम करेगा। दरअसल, रूस्तम-2 हिंदुस्तान का स्वदेशी ड्रोन है। जिसे DRDO सैन्य मकसद से तैयार कर रहा है। सबसे खास बात ये है कि इस ड्रोन को DRDO के वैज्ञानिक अमेरिका के प्रिडेटर ड्रोन की तर्ज पर तैयार कर रहे हैं। रुस्तम टू की खासियत भी जान लीजिए। इस ड्रोन का इस्तेमाल इंडियन आर्मी दुश्मन की टोह लेने के साथ-साथ, बार्डर वाले इलाके में निगरानी करने में भी करेगी। इसके साथ ही इसका प्रयोग दुश्मन पर सटीक निशाना लगाने और सिग्नल इंटेलिजेंस में भी किया जाएगा। भारतीय सेना में अगले दस सालों के भीतर इस तरह के करीब चार सौ ड्रोन की जरुरत होगी। इसमें कॉम्बैट और पनडुब्बी से लॉन्च किए जाने वाले रिमोट संचालित एयरक्रॉफ्ट भी शामिल हैं। मौजूदा वक्त में सेना के पास दो सौ ड्रोन हैं। जिसमें ज्यादातर ड्रोन इजराइल से खरीदे गए हैं।
लेकिन, भारत अब मेक इन इंडिया प्रोग्राम की तर्ज पर स्वदेशी ड्रोन बनाने पर फोकस कर रहा है। रुस्तम -टू भी इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा है। ये पूरी तरह मानव रहित विमान होगा। जिसके डैने 21 मीटर लंबे होंगे। इसका वजन सिर्फ 1.8 टन का होगा। जबकि ये ड्रोन 225 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकेगा। सबसे खास बात ये है कि रुस्तम अपने साथ 350 किलो वजन के हथियार भी लेकर उड़ सकता है। वो भी 24 घंटे तक लगातार। इस ड्रोन में सिंथेटिक अपर्चर रडार और मेरीटाइम पेट्रोल रडार लगाया गया है। इसके साथ ही टक्कर रोधी प्रणाली भी है। यानी अगर सामने से कुछ आ रहा होगा तो ये मानव रहित विमान उस चीज से टकरा नहीं सकता है। बताया जा रहा है कि इस ड्रोन का नाम साइंटिस्ट रुस्तम दमानिया के नाम पर रखा गया है। इसीलिए इसे रुस्तम-टू का नाम दिया गया। साइंटिस्ट रुस्तम दमानिया ने एविएशन सेक्टर में काफी काम किया है।
उनकी टेक्नोलॉजी ही देश के काम आ रही है और हिंदुस्तान की मिलिट्री ताकतवर हो रही है। लेकिन, रुस्तम ने पाकिस्तान की रातों की नींद और दिन का चैन उड़ा दिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल अपनी मीडिया ब्रीफिंग में कहते हैं कि भारत की बढ़ती ड्रोन टेक्नोलॉजी हमे परेशान करने वाली है। मोहम्मद फैजल का कहना है कि इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ेगा। हालांकि दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने का एक भी काम पाकिस्तान की ओर से नहीं किया गया। लेकिन, जब भी भारत अपनी सैन्य ताकत बढता है तो पाकिस्तान कहना शुरु कर देता है कि इससे क्षेत्र की कूटिनीतिक स्थिरता का माहौल पैदा होगा। पाकिस्तान इसलिए भी परेशान है कि उसके पास ना तो पैसा है और ना ही इतनी हाई टेक्नोलॉजी की वो भारत का मुकाबला कर सके। शायद यही वजह है कि उसकी परेशान दिन-रात बढ़ती ही जा रही है। रुस्तम ने उसकी इस परेशानी को कई गुना और बढ़ा दिया है।