मेघालय के लिए अहमद पटेल ने शुरु की जोड़तोड़, बीजेपी के सामने छूटे पसीने

मेघालय में कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। अहमद पटेल और कमलनाथ यहां डेरा डाल लिया है। कांग्रेस यहां पुरानी गलती दोहराना नहीं चाहती।

New Delhi Mar 04 : गोवा और मणिपुर के इलेक्‍शन आपको याद ही होंगे। ज्‍यादा सीटें हासिल करने के बाद भी कांग्रेस पार्टी इन राज्‍यों में अपनी सरकार नहीं बना पाई थी। उस वक्‍त कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सी फेसिंग वाले पांच सितारा होटल में बैठकर मजे लेते रहे और बीजेपी ने रातों रातों खेल कर दोनों ही राज्‍यों में अपनी सरकार बना ली थी। कांग्रेस इस बार गोवा और मणिपुर वाली गलती मेघालय में नहीं करना चाहती है। पार्टी हाईकमान ने अहमद पटेल और कमलनाथ को मेघालय भेज दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने शनिवार की रात ही मेघालय के राज्‍यपाल गंगा प्रसाद को चिट्ठी लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। लेकिन, यहां पर दो सीटें हासिल करने वाले भारतीय जनता पार्टी ने भी मेघालय में सरकार बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस नेता अहमद पटेल मेघालय में सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ में जुट गए हैं।

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मेघालय में विधानसभा की कुल 60 सीटें हैं। जिसमें 59 सीटों पर चुनाव हुए। जिनके परिणाम अभी शनिवार को ही जनता के सामने आए। मेघालय की जनता ने किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं दिया है। हालांकि इस राज्‍य में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। 59 विधानसभाओं में कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत हासिल हुई है। लेकिन, सरकार बनाने के लिए उसके पास अभी भी दस विधायकों की कमी है। मेघालय में नेशनल पीपल्‍स पार्टी दूसरे नंबर की पार्टी बनकर सामने आई है। नेशनल पीपल्‍स पार्टी को इस बार के विधानसभा चुनाव में 19 सीटें मिली हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता लगातार नेशनल पीपल्‍स पार्टी के नेताओं के संपर्क में हैं। इसके साथ ही बीजेपी ने यहां पर अन्‍य क्षेत्रीय दलों का भी समर्थन जुटाना शुरु कर दिया है। बीजेपी के इस कदम से कांग्रेस पार्टी और इस पार्टी के चाणक्‍य कहे जाने वाले अहमद पटेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीधे शब्‍दों में कहें तो सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी कांग्रेस के लिए यहां पर सरकार बनाना आसान नहीं होगा।

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मेघालय में सरकार बनाने में जो पार्टियां अपना अहम रोल अदा कर सकती हैं उसमें यूनाइटेड डेमौक्रैटिक पार्टी, पीपल्स डेमोक्रैटिक फ्रंट और हिल स्टेट पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी शामिल हैं। इसमें यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी को छह सीटें मिली हैं। जबकि पीपल्‍स डेमोक्रेटिक फ्रंट को चार और हिल स्टेट पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी ने दो सीटों पर जीत हासिल की है। यानी अगर ये तीनों दल एक हो जाएं तो आंकड़ा बनता है 12 का। इन क्षेत्रीयों दलों का साथ अगर कांग्रेस पार्टी को मिला तो भी आसानी से सरकार बन सकती है और अगर इन्‍होंने नेशनल पीपल्‍स पार्टी और बीजेपी को समर्थन दिया तो एनडीए की सरकार आसानी से बन जाएगी। यही वजह है कि अन्‍य के साथ-साथ ये दल भी जोड़तोड़ में अहम रोल अदा कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस वक्‍त कांग्रेस पार्टी में दिल्‍ली से लेकर मेघालय तक में बैठकों का दौर जारी है। अहमद पटेल की कोशिश यही है कि ये राज्‍य कांग्रेस के हाथ से ना निकले।

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बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी जल्‍द ही यहां पर अपने मुख्‍यमंत्री के उम्‍मीदवार के नाम का भी एलान करेगी। औपचारिक तौर पर तो विधायक दल ही अपने नेता का चुनाव करेगा। लेकिन, परदे के पीछे बताया जा रहा है कि मुख्‍यमंत्री का उम्‍मीदवार वही बनेगा जिसे कांग्रेस हाईकमान चाहेगा। फिलहाल इस रेस में मौजूदा मुख्‍यमंत्री मुकुल संगमा का नाम सबसे आगे है। इन सबके बीच अहमद पटेल और कमलनाथ शिलांग से सेटिंग में लगे हुए हैं। लेकिन, फिर भी अहमद पटेल और कमलनाथ सरीखे नेताओं को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं मेघालय उनके हाथ से फिसल ना जाए। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने किरेन रिजिजू और अल्फोंस कन्नांथनस को मेघालय का ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगियों और मित्र पार्टियों को मेघालय और नगालैंड में पूर्ण बहुमत मिला है। बीजेपी इस बात को लेकर आश्‍वास्‍त है कि मेघालय में भी उनकी ही सरकार बनेगी। बीजेपी का यही बयान अहमद पटेल के पसीने छुड़ा रहा है।