मेघालय में भी बनेगी BJP गठबंधन की सरकार, क्षेत्रीय दलों ने कांग्रेस को दुत्‍कारा

मेघालय में महज दो सीट लाने वाले BJP यहां पर भी गठबंधन वाली सरकार बनाने जा रही है। यहां छह मार्च को नई सरकार का गठन होगा।

New Delhi Mar 04 : नॉर्थ ईस्‍ट के राज्‍यों के विधानसभा चुनाव इस बार काफी दिलचस्‍प रहे हैं। त्रिपुरा और नागालैंड में फतह हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी मेघालय में भी सरकार बनाने जा रही है। हालांकि यहां पर सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस और बीजेपी गठबंधन में उठापटक चल रही है। पहले कांग्रेस पार्टी ने मेघालय के राज्‍यपाल गंगा प्रसाद से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके बाद रविवार की शाम नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के नेताओं ने राज्‍यपाल से मुलाकात कर ना सिर्फ सरकार बनाने का दावा किया बल्कि सहयोगी दलों के समर्थन का पत्र भी उन्‍हें सौंपा। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) ने समर्थन पत्र के जरिए फ्लोर से पहले ही अपना बहुमत राज्‍यपाल को दिखा दिया है। जबकि कांग्रेस पार्टी इस काम में नाकाम रही। बताया जा रहा है कि कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों का साथ नहीं मिला है।

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इस सूरत में अब मेघालय में नई सरकार का गठन छह मार्च को होगा। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) को बीजेपी और हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का भी साथ मिल गया है। मतलब साफ हैं कि मेघायल के लगभग सभी बड़े क्षेत्रीय दलों ने कांग्रेस पार्टी को दुत्‍कार दिया है। ऐसे में अब मेघालय में बीजेपी गठबंधन की सरकार बनने का रास्‍ता साफ हो चुका है। जो नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेतृत्‍व में बनेगी। बताया जा रहा है कि मेघालय के अगले मुख्‍यमंत्री नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चीफ कोनराड संगमा हो सकते हैं। यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी को भी कोनराड संगमा के नाम पर कोई आपत्ति नहीं है। यानी आम सहमति के बाद ही उनका नाम आगे बढ़ाया गया है। दरसअल, मेघालय के विधानसभा चुनाव में यहां की जनता से किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं दिया है। यहां पर त्रिशंकु विधानसभा बनी है।

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शनिवार को चुनाव परिणाम आने के साथ ही यहां पर सरकार गठन के लिए जोड़तोड़ शुरु हो गया था। कांग्रेस मेघायल में गोवा और मणिपुर वाली गलती नहीं करना चाहती थी। इसीलिए शनिवार को ही पार्टी नेता अहमद पटेल और कमलनाथ को शिलांग भेज गया था। मेघालय में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस के नेताओं ने शनिवार की रात ही यहां के राज्‍यपाल गंगा प्रसाद से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। लेकिन, बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से समर्थन वाली लिस्‍ट राज्‍यपाल को नहीं सौंपी गई थी। मेघालय में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं। जिसमें 59 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे। 59 में से 21 सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की थी। सरकार बनाने के लिए यहां पर बहुमत का आंकड़ा 31 है।

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यानी कांग्रेस पार्टी को सरकार बनाने के लिए कम से कम दस विधायकों का समर्थन चाहिए था। वहीं दूसरी ओर नेशनल पीपल्‍स पार्टी को 19 सीटों पर जीत मिली। नेशनल पीपल्‍स पार्टी को बीजेपी का समर्थन हासिल है। बीजेपी यहां पर दो सीटों पर चुनाव जीते हैं। ऐसे में NPP का आंकड़ा 21 पर पहुंचता है। इसके साथ ही यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) ने भी उसे समर्थन का एलान किया। UDP के पास छह विधायक हैं। अब ये आंकड़ा 27 का होता है। चार सीटें पीडीएफ की हैं। जो NPP के साथ है। अब ये आंकड़ा 31 का पहुंच गया। इसके साथ ही हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने भी अपना समर्थन नेशनल पीपुल्‍स पार्टी को दिया है। इस दल के पास दो सीटें हैं। ऐसे में NPP गठबंधन के पास बहुमत के लिए आंकड़ा बैठता है 33 का है। मेघालय के क्षेत्रीय दलों ने साफ कह दिया है कि वो किसी भी कीमत पर कांग्रेस पार्टी के साथ काम नहीं कर सकते हैं।