‘आम आदमी पार्टी को बचाना हैं तो केजरीवाल को बाहर करना होगा’
बनारस हो या पंजाब या गुजरात या दिल्ली का सुंदर नगरी – केजरीवाल ने सिर्फ झूठ बोला, धोखा दिया और कार्यकर्ताओं की पीठ पर छुरा भोंका हैं।
New Delhi, Mar 16 : It’s AAP v/s Kejriwal, दोनो में से एक ही बच सकता हैं, या तो आंदोलन और पार्टी को बचा लो, या केजरीवाल को बचाते रहो। पंजाब के एक एक वोटर और कार्यकर्ता से खुलेआम कहा जा रहा है – हमने तुमसे झूठ बोला था। ड्रग के बारे में झूठ, मजीठिया के बारे में झूठ, पंजाब के बारे में झूठ। वो जो हजारों NRI तुम्हारी बात सुनकर आये थे, उनसे भी माफ़ी मांगोगे? वो जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से करोड़ो रुपये का चंदा दिया था उन लोगों से भी माफ़ी माँगोगे?
केजरीवाल एक कैंसर है। इसे झटके से अलग नहीं किया तो सब कुछ खा जाएगा। आंखों में आंख डालकर झूठ बोलने वाला Kejriwal, अपने बच्चों की कसम खाकर झूठ बोलने वाला केजरीवाल, वाहे गुरु का नाम लेकर झूठ बोलने वाला Kejriwal, या तो collective decision या केजरीवाल के आत्मघाती झूठे निर्णय, या तो स्वराज और लोकतंत्र या Kejriwal, या भ्रष्टाचार से लड़ लो या सत्येंद्र जैन और सगे साढू के कमीशन पर जिंदा केजरीवाल को बचा लो, तुम Kejriwal की बात मान कर लड़ो, नारे लगाओ, जेल जाओ, बाहुबलियों से दुश्मनी लो, घर परिवार सबसे भिड़ जाओ, वो बन्द कमरे में मजीठिया से माफी मांगेगा, चिदम्बरम को वकील बनाएगा, कांग्रेस से समझौता करेगा, सुशील गुप्ता से सौदा करेगा।
तुम चुनाव जीत कर आओगे वो गलत निर्णय करके तुम्हे अयोग्य करवा देगा, गुजरात मे कार्यकर्ताओं को उकसाया, लोगों ने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया तब सेटिंग करके मैदान से भाग गया, बनारस हो या पंजाब या गुजरात या दिल्ली का सुंदर नगरी – केजरीवाल ने सिर्फ झूठ बोला, धोखा दिया और कार्यकर्ताओं की पीठ पर छुरा भोंका हैं। आज अगर इस केजरीवाल नाम की लाश के बोझ को कंधे पर ढोते रहे तो सब खत्म हो जाएगा। केजरीवाल और उसके आसपास के चार पांच लोग सीधे सीधे पैसे लेकर काम करते हैं, भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं उन्होंने एक एक कार्यकर्ता को चुन चुन कर खत्म किया हैं। आज सिर्फ वो लोग बचे हैं जो अपना पेट भरने के लिए, दो पैसों के लिए केजरीवाल जिन्दाबाद बोलते हैं। पैसा लेकर फेसबुक और ट्विटर पर लिखते हैं।
हर आंदोलनकारी अलग हो चुका हैं, घर बैठ गया है। आज आम आदमी पार्टी को बचाना हैं तो केजरीवाल को बाहर करना होगा। और कोई रास्ता नहीं। ये लाश पड़ी हैं, तुम मोहवश इसका अंतिम संस्कार नहीं कर रहे। इसकी लाश की बदबू चारो तरफ फैल रही हैं । तुम सदमें में बैठे हुए हो। आओ इसका पिंडदान करें और आगे बढ़े।
– कपिल मिश्रा