राहुल गांधी को सुना तो अच्छा ही लगा, मुश्किल ये है कि भरोसा नहीं न जमता !

राहुल गांधी ने भाजपा को भ्रष्टाचार के कोड़े से घेरा है। भ्रष्टाचार के लिए तो कांग्रेस जानी जाती रही है। क्या राहुल वाक़ई इस मामले में कमर कस चुके हैं?

New Delhi, Mar 20 : कांग्रेस के 84वें महाधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने संबोधन से कार्यकर्ताओं की खूब तालियां लूटी। राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं को असली ताकत बताया और कहा कि अगर वो चाहें, तो देश बदल सकते हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के नये अध्यक्ष ने कहा कि वो देश के प्रतिभाशाली युवाओं को कांग्रेस पार्टी के संगठन में लाएंगे। राजनीतिक विश्लेषक इसका तरह-तरह से विश्लेषण कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने राहुल के भाषण पर अपने फेसबुक वॉल पर कुछ लिखा है, आगे पढिये उन्होने कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण पर क्या लिखा ?

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राहुल गांधी ने भाजपा को भ्रष्टाचार के कोड़े से घेरा है। भ्रष्टाचार के लिए तो कांग्रेस जानी जाती रही है। क्या राहुल वाक़ई इस मामले में कमर कस चुके हैं? Rahul Gandhi2क्या कांग्रेस को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना उनके लिए सम्भव होगा? किसी लांछित को वे टिकट नहीं देंगे? ज़ीरो-टालरेंस की नीति लागू कर पाएँगे?

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भ्रष्ट आचरण का मतलब रिश्वत खाना, पैसा बनाना ही नहीं होता। विलासिता का मुज़ाहिरा, बड़ी-बड़ी गाड़ियों के क़ाफ़िले, Rahul Gandhi1सरकारी ख़र्च यानी जनता के पैसे पर ऐयाशी, सत्ता में रिश्ते-नातों का साझा – पतन की कई छायाएँ हैं।

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राहुल अपनी पार्टी को इनसे बाहर निकाल पाएँ तो यह उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। ऐसा इसलिए कहता हूँ कि कांग्रेस के लिए भ्रष्टाचार से बरी होना ऐसा ही, जैसे भाजपा के लिए सांप्रदायिकता से उबर पाना।Congress
फिर भी सुना तो अच्छा ही लगा है। मुश्किल यह है कि भरोसा नहीं न जमता! बाक़ी आगे देखते हैं।

(वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)