नयी स्वास्थ्य योजना से बढ़ी गांवों में भी अस्पताल खुलने की संभावना
बड़ी संख्या में सरकारी अस्पताल खोलने के लिए सरकार के पास साधनों की कमी पड़ेगी। पर, निजी अस्पतालों के लिए इस आयुष्मान भारत योजना ने नयी संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।
New Delhi, Mar 24 : अब देश के 10 करोड़ गरीब परिवार सरकारी और निजी अस्पतालों में पांच लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज करा सकेंगे। केंद्र सरकार का यह ताजा निर्णय है। यदि एक परिवार के सदस्यों की औसत संख्या पांच मानी जाए तो इस ‘आयुष्मान भारत’ योजना के तहत 50 करोड़ मरीजों का इलाज हो सकेगा। मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी तो बड़ी संख्या में मरीज अस्पतालों में पहुंचने लगेंगे। पर इतनी बड़ी संख्या में मरीजों को संभालने के लिए देश में फैले अस्पताल कम पड़ जाएंगे।
निजी और सरकारी अस्पतालों का जाल बिछाना पड़ेगा। बड़ी संख्या में सरकारी अस्पताल खोलने के लिए सरकार के पास साधनों की कमी पड़ेगी। पर, निजी अस्पतालों के लिए इस आयुष्मान भारत योजना ने नयी संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। निजी अस्पतालों के लिए प्रखंड स्तरों पर भी संभावनाएं बन सकती हैं। पहले तो बिजली और सड़क के अभाव के कारण भी सुदूर इलाकों में
अस्पताल नहीं खुल पा रहे थे। अब इन दोनों मामलों में विकास हो रहा है।
एक न्यूनत्तम पक्की आय की संभावना भी पहले कम ही थी। अब यह नयी योजना ही आय की संभावना बढ़ा देगी। वैसे भी प्रादेशिक राजधानियों में राष्ट्रीय स्तर के अस्पताल समूहों के जाल फैलते जाने के कारण छोटे अस्पतालों के अर्ध ग्रामीण इलाकों में फैलने की मजबूरी भी होगी।
पर बिजली -सड़क की तरह ही यदि बिहार सरकार कानून -व्यवस्था की स्थिति को थोड़ा और बेहतर कर दे तो अधिकाधिक संख्या में निजी अस्पताल खुलने की संभावना और बढ़ जाएगी।
इन अस्पतालों से न सिर्फ अधिकाधिक लोगों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की सुविधा पहुंचेगी बल्कि प्रमंडल स्तर पर स्थित बड़े सरकारी अस्पतालों पर मरीजों का दबाव भी घटेगा।