दुबई से हम क्या सीखें ?

दुबई : सहिष्णुता और उदारता इस देश की इतनी अदभुत है कि यह भारतीय संस्कृति का एक बेहतर संस्करण-सा लगता है।

New Delhi, Mar 26 : मैं पिछले तीन दिन से दुबई में हूं। जिस कारण से मैं यहां आया, उसके बारे में बाद में बात करेंगे लेकिन फिलहाल मैं कहना यह चाहता हूं कि जो यह देश है, संयुक्त अरब अमारात, इससे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। यह ठीक है कि भारत के मुकाबले यह बहुत छोटा है। भारत इससे सवा सौ गुना बड़ा है। इसकी जनसंख्या मुश्किल से एक करोड़ है और यह सात राज्यों का संयुक्त संघ है। लेकिन इसकी खूबी यह है कि दुनिया की लगभग 200 राष्ट्रीयताओं के लोग यहां रहते हैं याने दुनिया के हर देश का आदमी आपको यहां मिल सकता है।

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लगभग 80 लाख लोग विदेशी हैं और मुश्किल से 20 लाख देसी हैं। दुनिया का कोई देश संयुक्त अरब अमारात की तरह नहीं है। यह राष्ट्रीयताओं का अजायबघर है। इस देश की स्वच्छता देखते ही बनती है। कानून का पालन यहां अक्षरश: होता है। सबसे खास बात यह है कि इतने धर्मों, इतने राष्ट्रों, इतनी जातियों और इतने रंगों के लोग यहां कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं। उनमें कभी दंगे नहीं होते। वे कभी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन, जुलूस, सभाएं और तोड़फोड़ नहीं करते। आतंकवादियों और उग्रवादियों के कारण इस्लाम दुनिया में बदनाम हो रहा है लेकिन कोई दुबई और अबू धाबी आकर देखे तो उसे विश्वास ही नहीं होगा कि कोई इस्लामी देश ऐसा भी हो सकता है।

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सहिष्णुता और उदारता इस देश की इतनी अदभुत है कि यह भारतीय संस्कृति का एक बेहतर संस्करण-सा लगता है। यहां हिंदू मंदिर हैं, श्मशान घाट है, गुरुद्वारे हैं, चर्च हैं और सबको अपने पूजा-पाठ, कथा करने की पूर्ण स्वतंत्रता है। यहां एक विशेष मंत्रालय है, जिसका नाम सहनशीलता मंत्रालय है। इसके मंत्री शाही परिवार के वरिष्ठ सदस्य शेख नाहयान मुबारक हैं। शेख नाहयान मेरे अभिन्न मित्र हैं। वे यहां के लाखों भारतीयों में अत्यधिक लोकप्रिय हैं। वे विद्वान हैं, सत्यनिष्ठ हैं, सदाचारी हैं और भारतप्रेमी हैं। मैं कई बार उनका मेहमान रह चुका हूं। मैं उनके महल में जब भी भोजन करता हूं, वह शाकाहारी ही होता है। वे सभी धर्मों के समारोहों में शामिल होते हैं। अब यहां पर जैन मंदिर भी बनेगा।

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इन्हीं शेख नाहयान ने कल ‘दीया इंडिया’ की दुबई शाखा ‘विश्व दीया फाउंडेशन’ का उदघाटन किया। इस संस्था के जरिए दिल्ली में प्रसिद्ध हृदय-रोग विशेषज्ञ डाॅ. एस.सी. मनचंदा ने गरीब बच्चों को पढ़ाने उन्हें वेशभूषा देने और उनकी निःशुल्क चिकित्सा करने का व्रत लिया हुआ है। वे वहां लगभग 500 बच्चों को ये सब सुविधाएं बिल्कुल निःशुल्क देते हैं। सवा सौ बच्चों के हार्ट के आॅपरेशन उन्होंने मुफ्त करवाए हैं। वे अब इस कार्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाना चाहते हैं। दुबई में शाह के सलाहकार श्री जयनारायण गुप्ता ने यह बीड़ा उठाया है। इससे जरुरतमंदों की सेवा भी होगी और भारत का नाम भी होगा।

(वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)