जिस खेल को पूजा था कभी, उसे देखने की वह ललक अब नही रही

बताने की जरूरत नही कि आईपीएल के इस छठे संस्करण मे स्पाट-मैच फिक्सिग के धतकरमो से विश्व क्रिकेट मे एक बारगी तो भूचाल आ गया था

New Delhi, Apr 08 : क्रिकेट इतिहास के सबसे विवादास्पद आईपीएल -6 का मैं भी बतौर क्रिकेट विशेषज्ञ साक्षी रहा. न्यूज नेशन टीवी चैनल भी 2013 मे ही शुरू हुआ था. यह चित्र उसी समय यानी आज के ही दिन सात अप्रैल का है. बगल मे खड़े है साथी विश्लेषक पूर्व अंतरराष्ट्रीय तेज गेंदबाज अतुल वासन. सामने हम दोनों पर दागने वाले ‘सवाल बमों’ की तैयारी मे बैठे हैं एन्कर रवीश बिष्ट व कोने मे कुछ पढ रहे है खेल सम्पादक करुण कुमार.

Advertisement

बताने की जरूरत नही कि आईपीएल के इस छठे संस्करण मे स्पाट-मैच फिक्सिग के धतकरमो से विश्व क्रिकेट मे एक बारगी तो भूचाल आ गया था. टेस्ट सीमर श्रीसंत सहित कई खिलाड़ी धराए और जेल गए. बीसीसीआई ने उनको बाद मे प्रतिबंधित भी कर दिया था. खिलाड़ी तो खिलाड़ी इस अपराध मे सीधे सीधे लिप्त राजस्थान रायल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के क्रमशः स्वामी और टीम प्रिंसिपल न सिर्फ नपे और जेल गये बल्कि इनकी दोनों टीमें भी निलंबित कर दी गयी थीं. सजा पूरी होने के बाद उक्त दोनों फ्रेंचाइंजी टीमें आज शनिवार सात अप्रैल से आरंभ हो रहे आईपीएल-11 मे फिर से हिस्सा लेने उतर रही है.

Advertisement

उस विवादास्पद आईपीएल मे एक अजीब वाकये की चर्चा इसलिए जरूरी है कि 13 मई 2013 की शाम प्राइम टाइम मे चैनल ने ‘आईपीएल मे सट्टेबाजी’ पर एक शो किया जिसमें बतौर विश्लेषक इस नाचीज ने बहस के दौरान यह बताया कि मैच मे सट्टेबाजी तो वैश्विक हो चुकी है. सटोरियों के आका अब मैच फिक्सिग से ऊपर उठ कर स्पाट फिक्सिग करते है जो सबसे आसान है. इस संदर्भ मे 2011 विश्व कप सेमीफाइनल और फाइनल मे हुए ” खेल ” की चर्चा हुई कि किस तरह पहले मैच मे बुरी तरह पिटने वाले श्रीसंत को अचानक फाइनल मे खिलाया जाना बाजार से प्रभावित रहा. सेमीफाइनल मे कैसे एक बल्लेबाज चार जीवनदान पाने के बावजूद शतक से वंचित रहा था.

Advertisement

क्या विचित्र संयोग था और चैनल के मानो जैकपाट हाथ लग गया हो. अगले दिन मैं सुबह के शो से फारिग होकर कैफेटेरिया मे नाश्ता कर रहा था कि खबर मिली कि राजस्थान रायल्स की ओर से खेल रहे श्रीसंत कई टीम साथियों के साथ स्पाट फिक्सिग के आरोप मे गिरफ्तार कर लिए गए हैं.
अब क्या पूछना था चैनल का. उस दिन रात्रि तक चैनल में ही रुकना पड़ा. दिन भर यही कांड चलता रहा. इसी दौरान मेरे साथ एक दुखद घटना यह हुई कि जब मैं रात्रि नौ बजे के शो के लिए स्टूडियो में प्रवेश करने को ही था कि बनारस से अनुज राजेन्द्र शर्मा का फोन मिला कि अभी अभी पुत्र सरीखे अविवाहित चचेरे भाई भीम नाथ का आकस्मिक निधन हो गया है. रज्जू को पता था कि मैं क्या करने जा रहा हूँ. इसलिए मुझे धीरज बंधाते हुए उसने कहा, आप माइक संभालिए मैं यहाँ मामला संभालता हूँ.

जिसे गोदी मे खिलाया उसकी मौत से होने वाली वेदना और सदमे को क्या कहूँ. अपनी क्रिकेट दीवानगी को लेकर बोलते वक्त टपके आंसू देख कर दर्शकों ने क्या सोचा यह तो नही पता मगर मैं जानता था कि सजल नयन का कारण भीमनाथ से बिछोह ही था, क्रिकेट नहीं.
सच कहूँ तो जिस खेल को मैंने कभी पूजा था उसमें जिस तरह से बीते समय मे बाजार की दखलंदाजी बढ़ी कि आज की क्रिकेट मे खो चुकी शुचिता देख कर मन फट गया है. मैच देखने की अब वो ललक नही रही. पता नही कि प्रतिभागी टीमों के दुकानदार मालिक अपनी जीत पर ज्यादा खुश होते है या हारने पर. आपको पता हो तो बताइएगा.

(वरिष्ठ पत्रकार पद्मपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)