कश्मीर पर जनरल बाजवा की पहल

कश्मीर की समस्या पर यों तो जनरल अयूब खान और जनरल परवेज ने भी बातचीत शुरु की थी लेकिन बातचीत को उन्होंने वह मुकाम नहीं दिया था, जो जनरल बाजवा दे रहे हैं।

New Delhi, Apr 17 : पाकिस्तान के सेनापति जनरल कमर जावेद बाजवा ने एक ऐसी बात कह दी है, जो उसके फौजियों के मुंह से मैंने शायद पहली बार सुनी है। बाजवा ने काकुल की मिलिटरी एकेडेमी में अपने दीक्षांत-भाषण के दौरान कहा कि भारत-पाक विवादों, खासकर कश्मीर-विवाद का हल बातचीत से ही किया जाना चाहिए। कश्मीर की समस्या पर यों तो जनरल अयूब खान और जनरल परवेज ने भी बातचीत शुरु की थी लेकिन बातचीत को उन्होंने वह मुकाम नहीं दिया था, जो जनरल बाजवा दे रहे हैं। यह अपने आप में अजूबा है।

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पाकिस्तान के कई राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों ने कई मुलाकातों में मुझसे बातचीत के जरिए कश्मीर पर हल निकालने की बात की है लेकिन जब भी पाकिस्तान के जनरलों से मेरी मुलाकात हुई या किसी संगोष्ठी में हम लोग बोले तो उनकी टेक यही रहती थी कि वे कश्मीर को भारत से छीनकर ही दम लेंगे, चाहे उसके लिए युद्ध करना पड़े, आतंकवाद फैलाना पड़े, घुसपैठ करनी पड़े या संयुक्तराष्ट्र संघ का सहारा लेना पड़े। पाकिस्तान की फौज ये सब पैंतरे आजमा चुकी है। उसे पता चल गया है कि इन पैंतरों से वह हजार साल तक भी कश्मीर पर कब्जा नहीं कर पाएगी।

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अब उसे यह अहसास भी हो चला है कि अमेरिका समेत कई पश्चिमी राष्ट्र भी इस अभियान में उसका साथ नहीं देंगे।India Pak इसके अलावा कश्मीर के सवाल पर अगर गल्ती से ही युद्ध छिड़ गया तो वह भी काफी मंहगा पड़ सकता है। इसीलिए अब जनरल बाजवा ने जो बात कही है, वह बहुत ही विवेकपूर्ण और व्यावहारिक है।

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पाकिस्तान की वर्तमान राजनीतिक स्थिति में जनरल बाजवा ही शक्ति के असली केंद्र बन गए हैं। यदि वे भारत-पाक वार्ता की पहल करें तो सारे पाकिस्तानी नेता उनका समर्थन करेंगे। Pak Army Chiefजनरल मुशर्रफ ने ऐसी पहल की थी लेकिन वे आतंरिक संकट में फंस गए। अब यदि जनरल बाजवा अपनी सरकार के जरिए ऐसी पहल करें तो मुझे विश्वास है कि भारत उसे टालेगा नहीं।

(वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक के फेसबुक वॉल साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)