‘किताबों में भी गड्ढे खोदकर गए हैं कांग्रेसी, भर रही है भाजपा सरकार’
करण सिंह दलाल को तब फुर्सत नहीं मिली कि उसे पढ़ लेते और अपनी सरकार से कहकर सुधार करवा देते। अब भाजपा सरकार गलतियों को सुधार रही है तो उन्हें राजनीति सूझ रही है।
New Delhi, May 08 : स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की परीक्षा में जाति आधारित सवाल पूछे जाने को लेकर हरियाणा की मनोहर सरकार ने संवेदनशीलता के साथ जरूरी कदम उठा दिए हैं और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। लेकिन इस विषय पर कांग्रेस के अतिउत्साही विधायक करण सिंह दलाल ने जल्दबाज़ी में बचकाने आरोप लगा दिए हैं। ना उन्हें इस विषय की पूरी जानकारी और ना उन्हें किसी ने ये बताया कि यह गड्ढा भी भाजपा नहीं कांग्रेस राज में ही खोदा गया था।
जिस किताब में से जाति आधारित सवाल परीक्षा में पूछे गए थे, वह किताब 2012 में छपी थी और तब राज्य और केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। करण सिंह दलाल को तब फुर्सत नहीं मिली कि उसे पढ़ लेते और अपनी सरकार से कहकर सुधार करवा देते। अब भाजपा सरकार गलतियों को सुधार रही है तो उन्हें राजनीति सूझ रही है। और यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस या इनेलो की सरकारों के गलत फैसलों को हमारी सरकार ने दुरुस्त करवाया हो। बड़े-बड़े भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और प्रशासनिक गलतियों का इतिहास छोड़कर गई कांग्रेस अपनी खोदे गड्ढों पर माफी मांगना सीखे।
जिस पुस्तक से यह सवाल लिया गया था उसमें सिर्फ ब्राह्मण ही नही, इनके अलावा दूध (यादव, जाट, गुज्जर) के काम से जुड़े लोगों के लिए भी अभद्र टिप्पणी थी। हमारी सरकार ने संज्ञान में आते ही ऐसे संभी संदर्भ सरकारी परीक्षाओं से दूर करने का आदेश दिया है।
इससे पहले भी अटल सरकार के दौरान पाठ्य पुस्तकों से शहीद भगत सिंह को आतंकवादी बताने और जाटों के लिए इस्तेमाल आपत्तिजनक टिप्पणी को हटवाया गया था। हम आंख मूंदकर नहीं बैठते, ना ही इस बहस को प्राथमिकता देते कि गलती किसकी है। लेकिन कांग्रेस इससे उल्टा करती है और बार-बार फजीहत करवाती है।फिलहाल, हरियाणा सरकार ने एचएसएससी परीक्षा से जुड़े विवाद पर खेद जताते हुए ऐसे सभी सवाल परीक्षाओं से हटाने के आदेश दे दिए हैं और परीक्षा नियंत्रक को भी नोटिस जारी कर दिया है। हरियाणा कर्मचारी आयोग ने इस विषय पर ब्राह्मण समाज से माफी भी मांगी है। हम कांग्रेस की तरह मुंह छिपाने या दूसरों पर आरोप लगाने में यकीन नहीं रखते, बल्कि वो फैसले लेते हैं जो आम लोगों के हित में हों।