कर्नाटक चुनाव पर मेरी अंतिम राय, कांग्रेस की बनी तो भी बीजेपी सरकार कहलाएगी

चुनाव के कारण प्रधानमंत्री ने जनता को सौ रुपये प्रति लीटर पेट्रोल ख़रीदने से वंचित कर रखा है। कर्नाटक की जीत के बाद जनता को इसका सौभाग्य प्राप्त हो सकेगा।

New Delhi, May 10 : मैं वहां गया नहीं। अखबारों में दस बारह ख़बरें पढ़ी होंगी। वहां गए पत्रकारों के ट्विट्स और फेसबुक स्टेटस देखे। सारे कंफ्यूज हैं। जब आप सिर्फ रैली कवर करते हैं, तो कभी पता नहीं चलता कौन जीत रहा है। मेरे हिसाब से कर्नाटक में वही होगा जो निम्नलिखित है।

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– बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाएगी
-बीजेपी कैसे भी सरकार बना लेगी
– बीजेपी जेडीएस को सपोर्ट कर देगी
– जेडीएस बीजेपी को सपोर्ट कर देगी
– कांग्रेस अपने दम पर सरकार बना लेगी
– कांग्रेस जेडीएस को सपोर्ट कर देगी
– इनमें से कुछ न हुआ तो त्रिशंकु होगा
– कांग्रेस की बनी तो भी बीजेपी सरकार कहलाएगी

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अब इसी को जानने के लिए एक महीना से टीवी चैनल परेशान हैं। कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी में झूल रहे हैं। दर्शक भी परेशान हैं। मेरा मानना है कि कर्नाटक में बीजेपी का जीतना देश के लिए अच्छा होगा। जीत के बाद प्रधानमंत्री दिल्ली आएँगे और कुछ काम करेंगे। अगर हार गए तो वे अभी से उस राज्य की तरफ चले जाएंगे जहां चुनाव होने वाले होंगे। पता चला कि वहां के अपार्टमेंट के भीतर सभा करने लगे हैं। प्रधानमंत्री के साथ दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री, भाजपा विधायक, सांसद भी अपने घर को लौटेंगे। इनके जाने के बाद कर्नाटक की जनता भी अपने यहाँ के नेताओं को ठीक से देख सकेगी।

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प्रधानमंत्री का दिल्ली आना और कुछ दिनों के लिए रहना बहुत ज़रूरी है। चुनाव के कारण उन्होंने जनता को सौ रुपये प्रति लीटर पेट्रोल ख़रीदने से वंचित कर रखा है। कर्नाटक की जीत के बाद जनता को इसका सौभाग्य प्राप्त हो सकेगा।
वैसे भी मोदी सरकार के चार साल होने पर रैलियाँ सभाए और मीडिया कॉन्क्लेव होने हैं। उस पर संपादकों को नंबर भी देने हैं। सर्वे भी होना है। जो लोग नौकरी, शिक्षा, फीस, पेंशन, न्याय, फ़सलों के दाम जैसे मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं वे अभी आराम करें। इन सब मुद्दों पर पत्रकारिता होती है, राजनीति नहीं।

(NDTV से जुड़ें चर्चितक वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)