जो लोग कैराना उपचुनाव पर नज़र रख रहे हैं उनके लिए कुछ इनपुट
यह परिस्थिति बदली नहीं तो विपक्ष को कैराना में बीजेपी के हाथों पराजय का सामना करना पडेगा . इसी हफ्ते मैं भी कैराना जाने वाला हूँ।
New Delhi, May 22 : कैराना लोकसभा क्षेत्र में मुसलमानों की संख्या सबसे ज़्यादा है . लेकिन राष्ट्रीय लोक दल उम्मीदवार तबस्सुम हसन को मुसलामानों के वोट एकमुश्त मिलें ,इसकी संभावना कम हो आगयी है . उनके एक परिवारी जन भी उम्मीदवार हैं . इस उम्मीदवार को बोटी बोटी के नाम से विख्यात कांग्रेसी नेता , इमरान मसूद का समर्थन है . वे तबस्सुम के खिलाफ बताये जा रहे हैं . उन्होंने अपनी पार्टी से यह आपील भी की थी कि कैराना सीट से कांग्रेस का ही उम्मीदवार होना चाहिए .
इमरान मसूद का प्रभाव मायावती विरोधी दलितों की भीम आर्मी वालों पर भी है . अभी मायावती की तरफ से अपने कार्यकर्ताओं के लिए कोई दिशा निर्देश नहीं आया है . इसलिए उन लोगों के राष्ट्रीय लोक दल की तरफ जाने की संभावना पर सवाल उठ रहा है.
इस इलाके के दलितों ने राष्ट्रीय लोक दल को कभी वोट नहीं दिया है . अखिलेश यादव का मुसलमानों में बहुत प्रभाव है लेकिन उनका भी चुनाव प्रचार का कोई कार्यक्रम अभी तक इलाके में लोगों को पता नहीं है . जाट मतदाता दुविधा में है . चौधरी चरण सिंह के पौत्र जयंत चौधरी इलाके में अपने उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे हैं . लेकिन जाट बिरादरी अभी विभाजित है .
कुछ लोग अभी बीजेपी के साथ जाना चाहते हैं . सैनी, पाल जैसी ओबीसी बिरादरी के लोग बीजेपी के साथ जाना चाहते हैं . मुज़फ्फर नगर में मेरे बहनोई रहते हैं . बहुत बड़ा राजनीतिक परिवार है . कांग्रेस के आदरणीय नेता हैं. मेरठ, सहारनपुर ,मुज़फ्फर नगर आदि जिलों की राजनीति के बारे में अब तक उनका कोई भी विश्लेषण गलत नहीं हुआ है . उनका कहना है कि अभी हालांकि एक हफ्ता बाकी है लेकिन अगर यह परिस्थिति बदली नहीं तो विपक्ष को कैराना में बीजेपी के हाथों पराजय का सामना करना पडेगा . इसी हफ्ते मैं भी कैराना जाने वाला हूँ , कोशिश करूंगा कि ज़मीन पर पैदल चलते हुए सच्चाई को नापने की कोशिश करूं.