New Delhi, Jun 07 : पहला यह कि अशोक गहलोत पानी में से बिजली निकाल कर पानी को बेकार बना देने की बात कहते हैं। जबकि संघ/भाजपा के अवैज्ञानिक सोच की परम्परा बताने को गहलोत ने जनसंघ के नेहरूकालीन दुष्प्रचार हवाला दिया था। गहलोत के वीडियो से आगे-पीछे का हिस्सा काट कर वायरल कर दिया और जनसंघ का बयान गहलोत का बयान नज़र आने लगा।
हालाँकि गहलोत ने अगले ही रोज़ पूरा वीडियो जारी कर झूठ के प्रचार की परत उघाड़ दी। दूसरा प्रोपेगैंडा: प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा भाजपा में शामिल हो रही हैं,
लेकिन नियोजित प्रचार अभियान में रातोंरात जहाँ बेतहाशा झूठ परोसा गया, क्या वहाँ हर कोई खंडन को भी पढ़ या देख पाता होगा? शायद नहीं।
मज़ा देखिए कि झूठ फैलाने वाले चुनाव में इसका फ़ायदा मिलने की आस भी रखते हैं। कौन जाने मिलता भी हो!
अगली बार, फिर झूठी सरकार?
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