मम्मी-पापा को पसंद नहीं था भुवनेश्नर कुमार का क्रिकेट खेलना, फिर ऐसे बन गये स्विंग के सुल्तान
टीम इंडिया में शामिल होने के बाद भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने उनकी बहुत मदद की।
New Delhi, Jun 09 : टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने गौरव कपूर को एक इंटरव्यू दिया है, इस शो में उन्होने अपनी जिंदगी की कई अहम बातों का जिक्र किया है। अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले एक मात्र टेस्ट मैच के लिये भुवी को आराम दिया गया है। भुवी ने इस शो के दौरान बताया कि मैदान पर जो ज्यादातर शांत ही रहा करते थे, लेकिन टीम इंडिया में शामिल होने के बाद ईशांत शर्मा ने उनकी आदतों को बदलने का काम किया।
भुवी ने क्या कहा
टीम इंडिया में शामिल होने के बाद भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने उनकी बहुत मदद की। भुवी ने आगे बोलते हुए कहा कि वो बचपन से ही पढाई में काफी कमजोर थे, इसी वजह से उनके माता-पिता उनके भविष्य को लेकर चितिंत और परेशान रहते थे। हालांकि जब उनका चयन भारतीय टीम में हुआ, तो उनके पापा-मम्मी बेहद खुश हुए।
बहन के काफी क्लोज
इस शो में बात करते हुए तेज गेंदबाज ने बताया कि वो अपनी बड़ी बहन के काफी करीब हैं, वो उनसे अपनी सारी बातें शेयर करते हैं। भुवी ने कहा कि दसवीं बोर्ड के परीक्षा के दौरान वो अंडर-15 खेल रहे थे, उनकी पढाई देखते हुए घर वालों को उम्मीद नहीं थी, कि वो पास भी कर पाएंगे। पिताजी और मम्मी चाहते थे कि वो पढाई पर भी फोकस करें।
तीन-तीन ट्यूशन लगवा दिये
भुवी ने बताया कि परीक्षा के एक महीने के दौरान उनके तीन-तीन ट्यूशन लगाये गये। इसके अलावा उन्होने घर में भी मेहनत करनी शुरु की। जिसका नतीजा उन्हें परीक्षा में मिला। तेज गेंदबाज ने बताया कि दसवीं में उनके 60 प्रतिशत नंबर आए, वो फर्स्ट डिविजन से पास हो गये। जिससे उनके मम्मी-पापा के साथ परिवार के दूसरे लोग भी काफी खुश हुए।
खेल के पीछे समय बर्बाद
तेज गेंदबाज ने अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब मैं दसवीं पास किया था, तो मेरी बड़ी बहन ने पूरी गली में मिठाई बांटी थी, पिताजी और मम्मी चाहती थी, कि मैं अपना ध्यान पढाई में लगाऊं, और कुछ अच्छा करूं, लेकिन मैं तो पूरा दिन क्रिकेट में लगा रहता था, तब पिताजी को लगता था कि मैं खेल के पीछे अपना सारा समय बर्बाद कर रहा हूं।
पार्क में खेलने की सलाह
भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि जब वो पहली बार अपने मम्मी-पापा से क्रिकेट खेलने की बात करने गये, तो उन्होने पार्क में क्रिकेट खेलने की सलाह दी, फिर उन्होने कहा कि वो प्रोपर ट्रेनिंग लेकर क्रिकेट खेलना चाहते हैं। जिससे उनके पापा खुश तो नहीं थे, लेकिन बेटे की खुशी की वजह से उन्होने रजामंदी दे दी और उनका क्रिकेट ट्रेनिंग शुरु हो गया।
टॉप क्लास गेंदबाज
आपको बता दें कि भुवी की गिनती आज दुनिया के टॉप क्लास गेंदबाजों में की जाती है। भले उनकी गेंदों में ज्यादा स्पीड ना हो, लेकिन उन्हें स्विंग का सुल्तान माना जाता है। क्रिकेट में डेथ ओवर स्पेशलिस्ट की एक अलग छवि उन्होने बनाई है। आईपीएल में वो सनराइजर्स हैदराबाद की टीम में शामिल थे।