21 साल पहले भय्यू महाराज के दर्शन करने आया था ये शख्स, अब है इतने करोड़ की संपत्ति के दावेदार

भय्यू महाराज के श्री सद्गगुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट की देशभर में करीब 200 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। अगर सेवादार विनायक को उत्तराधिकारी बनाया जाता है, तो वो करीब दो सौ करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक हो जाएगा।

New Delhi, Jun 14 : खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले संत भय्यू महाराज बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गये। शाम करीब 4 बजे इंदौर के विजय नगर स्थित मुक्तिधाम में बेटी कुहू ने उन्हें मुखाग्नि दी। आपको बता दें कि भय्यू महाराज की खुदकुशी में उनकी दूसरी पत्नी डॉ. आयुषी और बेटी कुहू के बीच चल रहा विवाद मुख्य वजह माना जा रहा है। फिर भी पुलिस दूसरे एंगल से भी जांच कर रही है।

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200 करोड़ की संपत्ति का मालिक सेवादार
आपको बता दें कि भय्यू महाराज के श्री सद्गगुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट की देशभर में करीब 200 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। अगर सेवादार विनायक को उत्तराधिकारी बनाया जाता है, तो वो करीब दो सौ करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक हो जाएगा। मालूम हो कि भय्यू महाराज के महाराष्ट्र में बीस से ज्यादा केन्द्र है, साथ ही इंदौर के सुखालिया में दो घर हैं।

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खुद को गोली मार की आत्महत्या
भय्यू महाराज ने मंगलवार को अपने घर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें उन्होने अपनी पूरी संपत्ति अपने परिवार के किसी सदस्य के नाम नहीं बल्कि अपने सेवादार विनायक के नाम कर दिया है। पुलिस सुसाइड नोट की भी जांच कर रही है।

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सेवादार ही क्यों ?
भय्यू महाराजने सुसाइड नोट में अपनी बेटी का जिक्र ना करते हुए सेवादार विनायक दुधाड़े को ही क्यों सर्वेसर्वा बताया है। सुसाइड नोट में महाराज ने विनायक को ही सब देख रेख करने की बात लिखी थी। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि आखिर कुछ सालों पहले जुड़े विनायक इतने कैसे खास हो गये हैं, अगर पत्नी से रिश्ते में कड़वाहट नहीं थी, तो उसे भी संपत्ति और व्यावसायिक मामलों की जिम्मेदारी क्यों नहीं दी ? कहीं इन सब के पीछे कोई षड्यंत्र तो नहीं ?

पुलिस कर रही पूछताछ
भय्यू महाराज की बेटी कुहू, दूसरी पत्नी आयुषी, और सेवादार विनायक ही सवालों के घेरे में नजर आ रहे हैं। पुलिस ने मंगलवार को रात 9 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजे तक परिवार के सात लोगों के बयान दर्ज किये हैं। पुलिस इस मामले को हर एंगल से खंगालने में जुटी है, घर के सारे कंप्यूटर, गैजेट्स और मोबाइल जब्त कर लिये गये हैं। पुलिस इस मामले में फिलहाल टिप्पणी भी करने से बच रही है।

दर्शन करने आया विनायक करोड़ों की संपत्ति का दावेदार
आपको बता दें कि भय्यू महाराज के श्री सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट की देशभर में करोड़ों की संपत्ति बताई जा रही है। इस ट्रस्ट में 11 ट्रस्टी और 700 से ज्यादा आजीवन सदस्य हैं। जिनमें 95 फीसदी से ज्यादा महाराष्ट्र से हैं। सुसाइड नोट में जिस विनायक को उत्तराधिकारी बताया गया है, वो भी ट्रस्टी हैं। विनायक करीब 21 साल पहले 1996 में आश्रम में भय्यू महाराज के दर्शन करने आये थे।

सेवादार बन गया
तीन घंटे के इंतजार के बाद विनायक भय्यू महाराज से मिलने पहुंचा, वो पहली ही मुलाकात में इतना प्रभावित हुआ, कि नियमित सेवादार बन गया, महाराज को वो इतना भरोसेमंद था, कि उनकी मां का ध्यान भी वही रखता था। पिछले 21 साल से विनायक महाराज के साथ ही रहता था।