ये हैं भारत के 6 रहस्यमयी स्थान, कहीं होती है खून की बारिश, तो कहीं हवा में लटक रहा है स्तंभ

कई ऐसी रहस्यमयी जगहें हैं, जहां पर जाने की आप हिम्मत नहीं कर सकते, तो आइये आपको ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में बताते हैं।

New Delhi, Jun 15 : भारत में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन हर जगह घूमना और उनके बारे में जानना थोड़ा मुश्किल है। आप चाहे कितने ही घूमने वाले क्यों ना हो, लेकिन हर जगह शायद आप भी घूम नहीं पाएंगे। हमारे देश में ऐसी-ऐसी अजीबोगरीब जगह है, जिनके बारे में आप सुनेंगे, तो दांतों तले उंगुली दबा लेंगे। शायद आप यकीन नहीं करेंगे, कि ऐसा भी हो सकता है। कई ऐसी रहस्यमयी जगहें हैं, जहां पर जाने की आप हिम्मत नहीं कर सकते, तो आइये आपको ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में बताते हैं।

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आंध्र प्रदेश में लेपाक्षी मंदिर
आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी मंदिर में करीब 70 स्तंभ हैं, लेकिन एक स्तंभ हवा में लटका हुआ है, वो भी बिना किसी सहारे के। इस मंदिर में आने वाले लोग इसे देखकर हैरान रह जाते हैं, कुछ लोग तो इस स्तंभ और जमीन के बीच अपना कपड़ा या दूसरी चीजें निकाल कर देखते हैं, उन्हें अपने आंखों देखा पर भी यकीन करना मुश्किल सा लगता है। लोगों का मानना है कि ये भगवान शिव का चमत्कार है।

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90 किलो का चमत्कारी पत्थर
पुणे-बंगलुरु हाइवे पर शिवपुर गांव में हजरत कमर अली दरवेश बाबा की दरगाह है, इस दरगाह में एक चट्टान रखा है, जिसका वजन करीब 90 किलो है, इसे लोग ग्यारह उंगुलियों से उठाते हैं। उंगुली भी तर्जनी (अंगूठे के बाजू वाली) होनी चाहिये। केवल 11 उंगली हो होनी चाहिये, ना एक कम और ना ज्यादा। इतना ही नहीं ये 90 किलो वजनी पत्थर केवल दरगाह परिसर में ही उठ पाता है, बताया जाता है कि परिसर से बाहर ले जाकर उसे उठाने से वो उठता ही नहीं है, लोग इसे दरगाह का चमत्कार मानते हैं।

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पायलट बढा देते हैं विमान की गति
जम्मू-कश्मीर के लद्दाख के लेह में एक ऐसी पहाड़ी है, जिसे मैग्नेटिक हिल के नाम से जाना जाता है, ये पहाड़ी समुद्र तल से हजारों फीट की ऊंचाई पर स्थित है, आपने अकसर देखा होगा, कि फिसलन वाली जगहों पर वाहन को गियर में डालकर खड़ा किया जाता है, ताकि वाहन नीचे की ओर लुढक ना जाए। इस मैग्नेटिक हिल पर वाहन को न्यूट्रल में खड़ा कर दिया जाए, तो भी वो नीचे की ओर नहीं जाता है, जानकार पायलट इस क्षेत्र में प्रवेश से पहले ही विमान की स्पीड बढा लेते हैं, ताकि उनका विमान चुंबकीय प्रभाव से बचा रह सके।

इस पैलेस में नहीं है कोई स्तंभ
यूपी की राजधानी लखनऊ में एक ऐसा पैलेस है, जिसका निर्माण 18वीं सदी में हुआ था। ये पैलेस इमामबाड़ा महल, अरबी और यूरोपीय वास्तुकला के मिश्रण से बना है, जो एक रहस्यमयी ऐतिहासिक स्थल है। इसे गुरुत्वाकर्षण पैलेस कहा जाता है, क्योंकि लगभग 50 मीटर लंबे हॉल में एक भी स्तंभ नहीं है।

यहां होती है खून जैसी बारिश
केरल के इदुकी और कोट्टायम शहर में लाल बूंदों की बारिश होती है, ये आज तक रहस्य है कि आखिर ऐसा क्यों होता है। अब तक इस जगह पर कई बार ऐसी बारिश हो चुकी है। साल 2006 में हुई लाल बारिश के बाज मीडिया ने इसे अटेंशन दिया था, तब महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने इस पर रिसर्च किया था, हालांकि साइंटिस्ट इस तरह की बारिश का कारण उल्का पिंड के विस्फोट को बताते हैं।

रेत के नीचे दफन हैं गहरे राज
कर्नाटक में एक जिला है, जिसका नाम चामराजनगर, यहां कावेरी नदी के किनारे रेत ही रेत हैं। कहा जाता है कि इस रेत के नीच गहरे राज दफन हैं, यहां पहले तीस से ज्यादा मंदिर थे, भगवान शिव की एक विधवा भक्त ने इस जगह को श्राप दे दिया था, जिसके बाद ये गांव रेगिस्तान में तब्दील हो गया।