सुबह पत्नी से बनवाई मनपसंद सब्जी, पत्नी ने बताया सुसाइड से पहले कैसा था भय्यू जी का आखिरी लम्हा

डॉ. आयुषी ने बताया कि रोज की तरह की वो सुबह जगे, फिर योगा और पूजा-पाठ किया। उसके बाद मुझसे कहा कि आज कटहल की सब्जी खाने की इच्छा है, ये गुरुजी की पसंदीदा सब्जी थी।

New Delhi, Jun 17 : भय्यू जी महाराज का बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया, बेटी कुहू ने मुखाग्नि दी। आपको बता दें कि भय्यू जी ने मंगलवार को बेटी के कमरे में जाकर अपने आप को बंद कर लिया, फिर लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होने अपनी पॉकेट डायरी में डेढ पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें सेवादार विनायक को उनकी मौत के बाद सारे प्रमुख दायित्व देने की बात कही गई है। इसमें उन्होने अपने मौत का कारण तनाव का बताया है।

Advertisement

पत्नी बाहर गई थी
डीआईजी हरि नारायणचारी मिश्र ने जानकारी दी कि भय्यू जी ने खुद को गोली मारकर अपनी जान दे दी है। घटना के समय घर में उनकी मां और दो सेवादार विनायक और योगेश थे। जब पत्नी डॉ. आयुषी वापस लौटी, तो उन्हें पता चला कि भय्यू जी ने आत्महत्या करर ली है। लाइसेंसी रिवॉल्वर उनके हाथ के पास ही पड़ी थी, सिर से खून निकल रहा था।

Advertisement

सेवादारों को नीचे भेज बेटी के कमरे में सुसाइड
पुलिस को सेवादार विनायक ने जानकारी दी, कि घर में कई लोग रहते हैं, दो सेवादार और थे, जिन्हें महाराज ने 11 बजे ही नीचे भेज दिया था और ऊपर नहीं आने के लिये कहा था, जिसके बाद वो बेटी के कमरे में चले गये। वहीं पर उन्होने खुद को गोली मार ली। गोली लगने के बाद सेवादार विनायक और योगेश उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के जीएम राहुल पराशर के मुताबिक दोपहर 2.06 बजे सेवक भय्यू जी को लेकर अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी।

Advertisement

पसंदीदा सब्जी बनवाई थी
भय्यू महाराज को गुरुजी कहकर संबोधित करने वाली उनकी पत्नी डॉ. आयुषी ने बताया कि रोज की तरह की वो सुबह जगे, फिर योगा और पूजा-पाठ किया। उसके बाद मुझसे कहा कि आज कटहल की सब्जी खाने की इच्छा है, ये गुरुजी की पसंदीदा सब्जी थी। जिसके बाद मैं खुद बाहर जाकर कटहल लेकर आई, मैं कॉलेज जाने से पहले बोलकर गई थी, कि खाना खा लेना।

कमरे में बंद इस हालत में मिले
वापस आने पर पहले बच्ची को खिलाया, फिर मैंने नौकरों से पूछा कि गुरुजी ने खाना खा लिया, तो उन्होने कहा कि हां भोजन करने के बाद वो आराम करने गये हैं। फिर मैंने उनसे पूछा कि किस कमरे में हैं, तो नौकर बोले कि किसी कमरे में ही आराम कर रहे हैं, जिसके बाद मैंने उन्हें दो-तीन कमरों में देखा, तो नहीं मिले, फिर मैंने बाथरुम में देखा, वहां भी नहीं थे। मुझे उनकी थोड़ी चिंता होने लगी, जिसके बाद मैंने ज्यादातर बंद रहने वाले एक कमरे में जाकर देखा, तो दरवाजा बंद था, खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई हलचल नहीं मिली, फिर मैंने जोर से आवाज लगाकर नौकरों को बुलाया और दरवाजा तोड़ने के लिये कहा, अंदर देखा तो गुरुजी आंखें फेरे हुए पड़े थे, चारों तरफ खून फैला था, ये सब देखकर मेरा तो गला ही सूख गया, आवाज बंद हो गई, फिर सेवादार उन्हें गाड़ी में लेकर हॉस्पीटल की तरफ भागे।

रात तक मां को नहीं थी बेटे के मौत की जानकारी
भय्यू जी महाराज की मौत की जानकारी उनकी मां कुमुदनी को देर रात तक नहीं दी गई थी। घटना के बाद शाम करीब चार बजे भय्यू जी की सास रश्मि शर्मा उनके घर पहुंची, तब उन्हें घटना के बारे में जानकारी मिली। उससे पहले ही उनके जानकारों और श्रद्धालुओं की उनके घर पर भीड़ जमा होने लगी थी।

आखिरी ट्वीट
भय्यू महाराज के अधिकृत ट्विटर अकाउंट से मंगलवार दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर आखिरी ट्वीट हुआ, जिसमें उन्होने शिवरात्रि की बधाई दी थी, उससे पहले 1.46 बजे गोपीनाथ कविराज को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी। 12.13 मिनट पर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को उऩके जन्मदिन पर बधाई दी थी। उनका ट्विटर अकाउंट उनका स्टाफ संचालित करता था, लेकिन ये सारे ट्वीट्स भय्यू महाराज ने खुद किये थे।