जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने इस बड़ी वजह से छोड़ा महबूबा का साथ, राम माधव ने कहा राष्ट्रहित में फैसला

बीजेपी महासचिव ने प्रेस कांफ्रेस में बोलते हुए कहा कि पिछले 3 सालों में घाटी के हालातों को शांतिपूर्ण करने के लिये केन्द्र सरकार ने राज्य का हर तरह से साथ दिया।

New Delhi, Jun 19 : जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी का गठबंधन टूट गया है, खुद बीजेपी महासचिव और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने ये घोषणा की। उन्होने एक प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि कश्मीर घाटी के हालातों को देखते हुए गठबंधन में रहना सही नहीं है। प्रदेश के डिप्टी सीएम कविंद्र गुप्ता ने भी कहा कि मैंने और हमारे सभी मंत्रियों ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेज दिया है। इसके बाद सीएम महबूबा मुफ्ती ने अपनी कैबिनेट के साथ इस्तीफा दे दिया।

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बीजेपी ने लिया समर्थन वापस
जम्मू-कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने कहा कि राज्य में बीजेपी का पीडीपी को अब समर्थन देना संभव नहीं है, हमने राज्य सरकार में हमारे डिप्टी सीएम कविंद्र गुप्ता और अन्य मंत्रियों से चर्चा की। सबकी सहमति के बाद ही ये फैसला लिया गया है। जम्मू-कश्मीर में बीजेपी अपनी भागीदारी को वापस लेगी।

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तीन साल चली सरकार
राम माधव ने ये भी कहा कि हमने राज्य में गठबंधन के तहत तीन साल पहले सरकार बनाई थी। उस समय जनता ने खंडित जनादेश दिया था, चुनावी परिणाम में जम्मू का क्षेत्र पूर्ण रुप से बीजेपी के पास था, वहीं घाटी में पीडीपी को सीटें मिली थी। उस दौरान हमने कॉमन प्रोग्राम बनाया था, पिछले तीन साल से ज्यादा समय से बीजेपी अपनी तरफ से ये कोशिश कर रही थी कि सरकार अच्छी तरह से चले, हमारी सरकार के दो मुख्य लक्ष्य थे, पहला शांति, दूसरा प्रदेश के प्रमुख हिस्सों में विकास कार्य तेजी से बढाना ।

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राम माधव ने क्या कहा ?
बीजेपी जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में शांतिपूर्ण तरीके से सरकार चलाने की कोशिश करती रही है, पीडीपी से अलग होने का फैसला देशहित और राष्ट्रहित को लेकर किया गया है। साथ ही राम माधव ने ये भी कहा कि कश्मीर में मीडिया की आजादी अब खतरे में आ गई है। घाटी में जिस तरह से पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या की गई, वो निंदनीय है।

केन्द्र सरकार ने दिया साथ
बीजेपी महासचिव ने प्रेस कांफ्रेस में बोलते हुए कहा कि पिछले 3 सालों में घाटी के हालातों को शांतिपूर्ण करने के लिये केन्द्र सरकार ने राज्य का हर तरह से साथ दिया। कश्मीर घाटी के विकास और अन्य कामों के लिये कुछ दिन पहले ही 18 करोड़ की वित्तिय सहायता दी गई। 3 दिन पहले ही प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में दो प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करके आये हैं, जो प्रदेश के विकास के लिहाज से काफी अहम है।

राज्य सरकार विफल रही
बीजेपी महासचिव ने कहा कि कश्मीर घाटी में हालातों को ठीक करने के लिये मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जो भी मदद मांगी है, केन्द्र सरकार ने उन्हें दिया, तमाम सहयोग के बावजूद प्रदेश सरकार घाटी में शांति कायम करने में असफल रही है। साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विकास कार्यों में राज्य की पीडीपी सरकार की ज्यादा दखलअंदाजी की वजह से केन्द्र सरकार काम नहीं कर पा रही थी।

विधानसभा का स्वरुप
साल 2014 में नवंबर-दिसंबर में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए थे। 87 सीटों पर हुए चुनाव में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, उनके बाद बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी, जिसके 25 विधायक जीते थे। 15 सीटें जीतकर उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेस तीसरे नंबर पर रही, कांग्रेस के हिस्से में 12 सीटें आई थी। फिर बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई थी।