जम्मू-कश्मीर : सरकार के बाद अब राज्यपाल बदलने की तैयारी, ये नाम हैं रेस में शामिल
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल की रेस में श्रीनगर स्थित चिनार कॉर्प्स के पूर्व कमांडर सैयद अता हसनैन सबसे आगे बताये जा रहे हैं।
New Delhi, Jun 20 : जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया है, जिसकी वजह से प्रदेश की सीएम महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। जम्मू-कश्मीर में एकाएक सियासी संकट से सबकी नजरें इसी ओर चली गई है। आपको बता दें कि गवर्नर एन एन वोहरा का दूसरा कार्यकाल भी इसी महीने खत्म होने वाला है, इसलिये अब ये कयास लगाये जाने शुरु हो गये हैं, कि आखिर इस महत्वपूर्ण पद पर किसे बिठाया जा सकता है।
जल्दबाजी में नहीं होगा फैसला
सूत्रों का दावा है कि अमरनाथ यात्रा की वजह से जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल का हाल-फिलहाल बदलाव संभव नहीं है, ऐसा माना जा रहा है कि यात्रा समाप्त होने के बाद एन एन वोहरा को बदला जाएगा, मालूम हो कि अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी वोहरा ही हैं, ऐसे में उनकी जगह किसी और की नियुक्ति अमरनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालों की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिये बढाया जा सकता है, उसके बाद नये राज्यपाल को लाया जा सकता है।
ले. जनरल (रिटायर्ड ) सैयद अता हसनैन
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल की रेस में श्रीनगर स्थित चिनार कॉर्प्स के पूर्व कमांडर सैयद अता हसनैन सबसे आगे बताये जा रहे हैं, लेफ्टिनेंट जनरल हसनैन को आम लोगों से जुड़कर काम करने में महारत हासिल है। उन्होने साल 2010-11 में जम्मू-कश्मीर में चलाये गये सद्भावना ऑपरेशन में कमांडिंग ऑफिसर रह चुके हैं, तब घाटी की स्थिति काफी शांतिपूर्ण हो गई थी।
एएस दुलत
इस रेस में रॉ के पूर्व प्रमुख अधिकारी अमरजीत सिंह दुलत के नाम की भी चर्चा हो रही है, इन्होने काफी पहले ही घोषणा कर दी थी, कि बीजेपी और पीडीपी गठबंधन साल 2018 के मध्य तक खत्म हो जाएगी। कई राजनीतिक पंडित खुलकर कह रहे हैं कि ए एस दुलत को प्रदेश का अगला राज्यपाल बनाया जा सकता है।
दिनेश्वर शर्मा
केन्द्र के मोदी सरकार के विशेष प्रतिनिधि के रुप में दिनेश्वर शर्मा को भी जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया जा सकता है, आपको बता दें कि इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख दिनेश्वर शर्मा फिलहाल कश्मीर के लिये वार्ताकार हैं। 1979 बैच के केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी दिनेश्वर शर्मा को साल 2014 में दो साल के लिये आईबी का डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। फिलहाल एनएसए में वो अजित डोभाल के साथ काम कर रहे हैं।
राजीव महर्षि
कंपट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) ऑफ इंडिया राजीव महर्षि भी जम्मू-कश्मीर के अगले गवर्नर हो सकते हैं। 1978 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी ने अपने 40 साल के करियर में कई महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी भरी पदों पर सेवा दिया है। साथ ही उन्हें मोदी सरकार का करीबी भी माना जाता है, उन्हें भी इस पद पर बिठाया जा सकता है।
गगनदीप बख्शी
मेजर जनरल (रिटायर्ड) गगनदीप बख्शी को भी इस रेस में शामिल माना जा रहा है। आपको बता दें कि जीडी बख्शी जम्मू में पैदा हुए थे, उन्होने कश्मीर और पंजाब में कई आतंक विरोधी अभियानों का सफल नेतृत्व किया है। कारगिल युद्ध में बेहतर प्रदर्शन के लिये उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था।