Categories: सियासत

‘जब राजनेता किसी समस्या का हल नहीं निकाल पाते हैं तो जनता निकाल लेती है’

एक छोटा सा मामला यह भी है कि जिन राफेल विमानों की खरीद के लिए फ्रांस से सौदा हुआ था, उसे देश के प्रधानमंत्री ने अपनी पहल पर बदलवा दिया।

New Delhi, Sep 22 : लालू परिवार पर लगे घोटाले के इल्जाम से नीतीश कुमार बहुत दुखी थे। उन्होने इंतज़ार किया लेकिन संतोषजनक सफाई नहीं मिली तो रातो-रात गठबंधन तोड़कर बीजेपी से हाथ मिला लिया। सुशासन बाबू ने कहा था, सिद्धांतों के साथ कोई समझौता नहीं होगा।

भ्रष्टाचार के कुछ छोटे मामले में इस समय भी तैर रहे हैं। मसलन विजय माल्या देश के वित्त मंत्री से मिला। उसके बाद सीबीआई ने मुंबई पुलिस को लिखित आदेश दिया कि माल्या दिखे तो पकड़ने की जरूरत नहीं है। माल्या दिखा और फिर उड़न छू हो गया।
सरकारी बैंकों को चूना लगाकर भागे नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोग भागने से पहले प्रधानमंत्री के फॉरेन डेलीगेशन और दूसरे कार्यक्रमों में ही नज़र नहीं आये बल्कि पीएम ने उन्हे `हमारे मेहुल भाई` जैसे आत्मीय संबोधनों से सुशोभित किया।

एक छोटा सा मामला यह भी है कि जिन राफेल विमानों की खरीद के लिए फ्रांस से सौदा हुआ था, उसे देश के प्रधानमंत्री ने अपनी पहल पर बदलवा दिया। नई कीमत तीन गुना ज्यादा है। लेकिन रक्षा मंत्रालय का कहना है कि दो सरकारों के बीच हुआ यह समझौता इतना पवित्र है कि इसके बारे में देश की संसद तक में बहस नहीं हो सकती है।
सत्तर साल से एयरक्राफ्ट बना रही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स से डील छीनकर कई तरह की गंभीर वित्तीय अनियमिताओं में फंसे अनिल अंबानी कंपनी को दे दिया गया। कंपनी भी ऐसी जो नये राफेल सौदे से ठीक दस दिन पहले बनाई गई।

सरकार ने कहा– यह दो कंपनियों का करार है, हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है।
अब फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि अंबानी की कंपनी का नाम भारत सरकार की तरफ से सुझाया गया था। केंद्र सरकार हमेशा की तरह मुंह में दही जमाकर बैठी है और `सिद्धांतों से कभी समझौता ना करने वाले’ सुशासन बाबू के मन में कोई सवाल नहीं है।
विपक्षी दलों की आवाज़ भी वैसी नहीं है, जैसी इतनी बड़े मामले में होनी चाहिए। यह ठीक है कि चोर कभी डाकुओं को नैतिकता का पाठ नहीं पढ़ा सकते। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि सवाल उठाने वाले कमजोर हैं, इसलिए डकैती एक पवित्र चीज़ बन जाएगी।
एक पुराना कोट है– जब राजनेता किसी समस्या का हल नहीं निकाल पाते हैं तो जनता निकाल लेती है। यकीनन हल जनता ही निकालेगी।

(वरिष्ठ पत्रकार राकेश कायस्थ के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)
Leave a Comment
Share
Published by
ISN-2

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago