वोट लोलुपता और घूस लोलुपता के कारण कोई पीढ़ी खुदकुशी पर भी उतारू हो सकती है ?

प्रदूषण के कारण नई दिल्ली के लोगों की आयु 10 साल कम हो गयी है। यह हत्या है या आत्म हत्या या दोनों ?

New Delhi, Nov 24 : याद रहे कि इस देश में प्रदूषण फैलाने वाले अनेक लोग घूस देकर बच जा रहे हैं।उधर पंजाब -हरियाणा के किसानों पर कार्रवाई नहीं हो रही है क्योंकि वहां सत्ताधारी दल समझ रहे हैं कि इससे हमारे वोटर भाग जाएंगे। यानी, प्राण जाए तो जाए,पर वोट न जाए ! ताजा आंकड़ों के अनुसार नई दिल्ली दुनिया के सर्वाधिक दस प्रदूषित नगरों में एक है।यह तब है जब नई दिल्ली में देश के सर्वाधिक ताकतवर लोग बसते हैं -हर क्षेत्र के ताकतवर।

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हाल में यह खबर आई कि प्रदूषण के कारण नई दिल्ली के लोगों की आयु 10 साल कम हो गयी है। यह हत्या है या आत्म हत्या या दोनों ? इसके लिए कौन -कौन लोग जिम्मेदार हैं ? अबोध बच्चों के स्वास्थ्य पर कैसा असर पड़ रहा है, इस संबंध में आंकड़ा अभी मुझे उपलब्ध नहीं है। जाहिर है कि हम अगली पीढि़यों को भी बर्बाद कर रहे हैं।भारी प्रदूषण से विकलांग और अस्वस्थ शिशु पैदा होंगे,यह आशंका भी है। अब देखिए कि प्रदूषण के मुख्य स्त्रोत क्या -क्या हैं। हरियाणा-पंजाब के किसान अपनी फसलें काटने के बाद बचे हुए भाग को खेतोंं में ही जला देते हैं। इससे दिल्ली सहित बड़े भूभाग में भारी प्रदूषण फैलता है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एन.जी.टी.की ओर से ऐसा करने पर रोक है।
पर सरकारें इस रोक को सख्ती से लागू नहीं करती। सवाल वोट का जो है।

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प्रकारातंर से यह आत्म हत्या है या नहीं ? दिल्ली -नई दिल्ली में चिमनी के धुएं से भारी प्रदूषण है।
इसे क्यों नहीं रोका जाता ? यहां भी सवाल घूसखोरी का है। यही हाल भारी प्रदूषण फैलाने वाले नए-पुराने वाहनों का है। भारी निर्माणों के कारण भी खूब धूल उड़ती रहती है। अब भला भारी निर्माताओं में घूस देने की क्षमता कोई कम है ? किसी अफसर को घूस लेने से रोकने की शक्ति रखने वाले सत्तासीन लोग भी मौन हैं।क्या मुफ्त में मौन हैं ? दिल्ली जैसी हालत देश के अन्य कई हिस्सों की भी है।पर जब दिल्ली के सर्वाधिक ताकतवर लोग वोट व घूस के सामने लाचार हैं तो कम ताकतवर लोगों की क्या बात की जाए ?

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घूस व वोट के अलावा कोई अन्य कारण हो तो जरूर बताइए। अपना ज्ञानवर्धन कर लूंगा।
यह सिस्टम की विफलता का सबसे बड़ा प्रमाण है जहां लोग ‘आत्म हत्या’ के लिए भी मजबूर हो जाएं। घूसखोर,वोटलोलुप और उनके परिजन भी तो अपनी आयु दस साल कम कर रहे हैं ! यदि इस स्थिति से देश को उबारने का वायदा करके कोई तानाशाह मसीहा देश का कल शासक बन जाए तो आप किसे दोष देंगे ?

(वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र किशोर के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)