26/11 स्पेशल – अजमल कसाब से अधिकारी ने पूछा, अगर जिंदा छोड़ दिया तो क्या करोगे, आतंकी ने दिया था ये जवाब
अजमल कसाब और उसका एक साथी इस्माइल सफेद स्कोडा कार लेकर भाग रहा था, जिसे तुकाराम ने गिरगांव चौपाटी पर रोका था।
New Delhi, Nov 26 : आज 26/11 मुंबई हमले की दसवीं बरसी है, साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया को हिलाकर रख दिया था, इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी, हालांकि ये आंकड़ा सरकारी है, जबकि लोगों का दावा है कि इससे भी ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, इसके साथ ही करीब तीन सौ लोग घायल हो गये थे, इस हमले में एक मात्र जिंदा आतंकी पकड़ा गया था, जिसका नाम था अजमल कसाब, जिसे जिंदा पकड़ने में मुंबई पुलिस के एएसआई तुकाराम ओंबले शहीद हो गये थे।
तुकाराम ने जान की परवाह नहीं की
शहीद एएसआई तुकाराम ओंबले के वीरता की कहानी आने वाली पीढियां याद रखेगी, दरअसल अजमल कसाब और उसका एक साथी इस्माइल सफेद स्कोडा कार लेकर भाग रहा था, जिसे तुकाराम ने गिरगांव चौपाटी पर रोका था, इसी दौरान पुलिस की ओर से हुई फायरिंग में इस्माइल की मौत हो गई, तुकाराम ने अपनी जान की परवाह किये बिना अकेले हथियार से लैस आतंकी अजमल कसाब से भिड़ गये थे।
कसाब की एके-47 पकड़ लिया
अजमल कसाब एके-47 से लैस था, वो धड़ाधड़ गोलियां चला रहा था, लेकिन तुकाराम ओंबले ने अपनी जान की बाजी लगाते हुए कसाब के एके-47 को पकड़ लिया, जिसके बाद खुद को बचाने के आतंकी ने धड़ाधड़ फायरिंग शुरु कर दी, तुकाराम के शरीर से कई गोलियां आर-पार हो गई, लेकिन उन्होने कसाब के गर्दन को नहीं छोड़ा, वो तब तक कसाब को पकड़े रहे, जब तक वहां दूसरे पुलिस वाले नहीं पहुंच गये।
शहीद हो गये तुकाराम ओंबले
आपको बता दें कि मुंबई हमले को दस आतंकियों ने अंजाम दिया था, जिसमें 9 को सुरक्षा बलों और पुलिसकर्मियों ने मार गिराया, तुकाराम की वजह से एक मात्र जिंदा आतंकी अजमल कसाब पकड़ा गया, तुकाराम को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।
छोड़ देने पर ये करना चाहता था कसाब
मालूम हो कि आतंकी कसाब को साल 2012 में फांसी दे दी गई, हालांकि उससे पहले कई बार उससे कड़ी पूछताछ की गई, इस आतंकी से पूछताछ करने वाले अधिकारियों में रिटायर्ड बिग्रेडियर गोविंद सिंह सिसोदिया भी शामिल हैं, एनएसजी के डीआईजी रहते हुए उन्होने पाकिस्तानी आतंकी से पूछताछ की थी, सिसोदिया के अनुसार जब उन्होने आतंकी से सवाल किया था कि अगर तुम्हें छोड़ दिया जाए, और घर वापस जाने का मौका दिया जाए, तो तुम क्या करोगे ? इस पर उन्होने कहा कि मैं अपने घर जाकर माता-पिता की सेवा करना चाहता हूं।