बुलंदशहर- बिलखती इंस्पेक्टर की पत्नी बस करती रही एक मांग, मौजूद लोगों की आंखें छलछला गई
बुलंदशहर – मृतक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था, वो रोते हुए बार-बार एक ही जिद कर रही थी कि उन्हें बस एक बार अपने पति से मिलवा दें।
New Delhi, Dec 04 : आप मुझे उनके पास जाने दो, वो ठीक हो जाएंगे, मुझे उन्हें छूने दो, कहां हैं वो, मुझे उनके पास जाना है, मैं आपके आगे हाथ जोड़ती हूं, एक मिनट के लिये मुझे उनके पास जाने दो, जिला अस्पताल के पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर मृतक एसएचओ सुबोध कुमार की पत्नी रजनी बार-बार यही बात दुहरा रही थी, वो बार-बार बेसुध हो रही थी, जिसके बाद उनके घर वाले उन्हें संभाल रहे थे। आपको बता दें कि स्याना थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह दंगाइयों और पुलिस के बीच जमकर बवाल हुआ थी, जिसमें सुबोध कुमार की गोली लगने से मौत हो गई। देर शाम उनके शव को बुलंदशहर जिला अस्पताल स्थित पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचाया गया, जहां उनके रिश्तेदार और परिजन भी इक्ट्ठे हो गये थे।
पति से मिलने की जिद
मृतक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था, वो रोते हुए बार-बार एक ही जिद कर रही थी कि उन्हें बस एक बार अपने पति से मिलवा दें। परिजन और अन्य पुलिस वाले उन्हें बार-बार समझाने की कोशिश कर रहे थे, मृतक की पत्नी का रुदन सुन वहां मौजूद लोगों की आंखों से भी आंसू निकल रहे थे।
क्या है मामला ?
मालूम हो कि बुलंदशहर के स्याना तहसील के गांव महाव में सोमवार सुबह गोवंश के अवशेष मिलने के बाद पुलिस, कथित हिंदूवादी संगठनों और ग्रामीणों के बीच जमकर टकराव हुआ, नाराज ग्रामीणों ने चिंगरावठी चौकी के पास सड़क जाम कर दिया था, जिसके बाद स्याना थाने के एसएचओ सुबोध कुमार ने मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाने की कोशिश की, जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया।
दर्जनों वाहनों को फूंक दिया
उग्र भीड़ ने पुलिस चौकी के बाहर खड़ी पुलिस के दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया, पुलिस चौकी के भीतर घुसकर भी तोड़-फोड़ की, और सामान में आग लगा दिया, हालात को काबू में करने के लिये पुलिस ने हवाई फायरिंग की, जिसके बाद भीड़ ने एसएचओ पर हमला बोल दिया, घटना में गोली लगने की वजह से सुबोध कुमार और एक युवक सुमित की मौत हो गई, घटना के बाद पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की है, पहली गोकशी की और दूसरी हिंसा की।
पथराव और फायरिंग
बताया जा रहा है कि ग्रामीणों और पुलिस के बीच कई बार नोंक-झोंक हुई, जिसके बाद ग्रामीण भड़क गये, इस दौरान सुबोध कुमार उन्हें समझाने की बार-बार कोशिश करते रहे, लेकिन दंगाई अपनी मांगों पर अड़े रहे, जिसके बाद ग्रामीण और पुलिस में फिर नोंक-झोंक शुरु हो गई, देखते ही देखते घटना ने हिंसक रुप से ले लिया, हाइवे पर लोग पथराव और फायरिंग करने लगे, जिसमें सुबोध कुमार की मौत हो गई।