इस बार का एक्जिट पोल भ्रामक है, राजस्थान में आखिरी दौर में ‘मोदी-मैजिक’ काम कर गया

राजस्थान के आंकड़े चौकाने वाले हैं। ज्यादातर चैनल यहां कड़ी टक्कर में कांग्रेस को जीतती दिखा रहे हैं। पहले मामला कांग्रेस के पक्ष में एकतरफा बताया जा रहा था।

New Delhi, Dec 08 : एग्जिट पोल शादी से पहले होने वाले लेडिज संगीत की तरह होता है। नाचिये- गाइये खाइये-पीजिये और घर जाइये। शादी तो 11 तारीख को होगी।
हमने कई बार अंतिम परिणाम एग्जिट पोल के नतीजों से अलग देखे हैं। इस बार का मामला और भ्रामक है। हरेक पार्टी के खुश होने लायक कुछ ना कुछ ज़रूर है।

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एक चैनल ने तो दो अलग-अलग एजेंसियों से एग्जिट पोल करवाये हैं, एक सर्वे कांग्रेस को फायदा होता दिखा रहा है तो दूसरा बीजेपी को। मतलब चित्त भी मेरी पट भी मेरी।
वैसे अगर कांग्रेस मध्य-प्रदेश,छत्तीसगढ़ और राजस्थान तीनों राज्यों में जीत भी जाये तो कोई बड़ी बात नहीं है। संसदीय लोकतंत्र में एंटी-इनकंबेंसी भी कोई चीज़ होती है, यह बात बहुत से लोग भूल चुके हैं।

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राजस्थान के आंकड़े चौकाने वाले हैं। ज्यादातर चैनल यहां कड़ी टक्कर में कांग्रेस को जीतती दिखा रहे हैं। पहले मामला कांग्रेस के पक्ष में एकतरफा बताया जा रहा था। यानी बजरंग बली की जाति और राहुल गांधी के गोत्र के साथ मोदी मैजिक यहां आखिरी दौर के कैंपेन में चला है।
अगर वाकई ऐसा है तो फिर यह मान लीजिये कि भाषण शैली आम मतदाताओं के बीच अब भी प्रभावी है और 2019 का कैंपेन में यह और परवान चढ़ेगी।

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कई जगहों पर ईवीएम में गड़बड़ी और स्ट्रांग रूम के आसपास संदिग्ध लोगों के मंडराने की ख़बरें आई हैं। लेकिन मुझे कोई बड़ा खेल होने की आशंका नहीं है।
जनता के मतदान के बाद अगर ईवीएम मशीनों को अंतररात्मा की आवाज़ पर अपना निर्णायक मत देना होगा तो वे 2019 में देंगी।

(वरिष्ठ पत्रकार राकेश कायस्थ के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)