मध्य प्रदेश में इसने किया बीजेपी का ‘खेल खराब’, आते-आते रह गई सत्ता

अगर इलेक्शन कमीशन के आंकड़ों पर नजर डालें, तो मध्य प्रदेश में बहुमत का समीकरण नोटा की वजह से बिगड़ा है, एमपी चुनावों में डेढ फीसदी ( 4,66,626 वोटरों) ने नोटा का बटन दबाया था।

New Delhi, Dec 12 : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं, कांग्रेस जादूई आंकड़े से बस एक कदम दूर है, बीजेपी को सत्ता से दूर करने में नोटा को मुख्य वजह माना जा रहा है, 14 विधानसभा सीटें ऐसी है, जहां नोटा यानी नन ऑफ द एबव दोनों राजनीतिक पार्टियों के लिये विलेन साबित हुआ, 230 विधानसभा सीटों में से 14 सीटों पर हार जीत का अंतर नोटा में पड़े वोट से भी कम था। आपको बता दें कि इससे पहले कर्नाटक चुनावों में भी नोटा ने 8 सीटों पर बीजेपी की जीत को हार में बदल दिया था।

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नोटा ने बिगाड़े समीकरण
अगर इलेक्शन कमीशन के आंकड़ों पर नजर डालें, तो एमपी में बहुमत का समीकरण नोटा की वजह से बिगड़ा है, एमपी चुनावों में डेढ फीसदी ( 4,66,626 वोटरों) ने नोटा का बटन दबाया था, राजनीतिक विश्लेषकों ने इस परिस्थिति के लिये बीजेपी-कांग्रेस के बूथ मैनेजमेंट को जिम्मेदार बताया है, उनके अनुसार अगर दोनों दलों ने वोटरों का विश्वास जीता होता, तो शायद इतनी बड़ी संख्या में नोटा पर वोट नहीं पड़ते।

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नोटा के शिकंजे में चुनाव
राजनीतिक समीक्षकों के अनुसार जिस तरह से बीजेपी-कांग्रेस बराबरी पर है, उससे साफ है कि इस बार का एमपी विधानसभा चुनाव पूरी तरह से नोटा के शिंकेज में रहा है, नाराज मतदाताओं ने ना सिर्फ बीजेपी को सत्ता से बेदखल किया, बल्कि कांग्रेस को भी बहुमत से पीछे रखा, हालांकि माना जा रहा है कि प्रदेश में अगली सरकार कांग्रेस की होगी, कुछ निर्दलीय विधायकों ने उन्हें समर्थन का ऐलान किया है।

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बीजेपी-कांग्रेस को 41.2 फीसदी वोट
एमपी में बीजेपी और कांग्रेस दोनों को 41.2 फीसदी वोट मिले, राजनगर विधानसभा की बात करें, तो यहां बीजेपी के उम्मीदवार को 34807 वोट, और कांग्रेस के प्रत्याशी को 34139 वोट मिले, जबकि नोटा के पक्ष में 2133 वोट पड़े, नेपानगर में कांग्रेस को 85320 वोट और कांग्रेस को 84506 वोट मिले, तो 2551 लोगों ने नोटा दबाया, मान्धाता में कांग्रेस को 71228 वोट, बीजेपी 69992 और नोटा को 1575 वोट मिले, कोलारस में बीजेपी को 71173 और कांग्रेस को 70941 जबकि 1649 वोट मिले। जोबाट सीट पर नोटा को 5139 वोट मिले, जबकि हार जीत का अंतर सिर्फ 2500 वोटों का रहा, जओरा सीट पर नोटा के पक्ष में 1500 वोट पड़े, कांग्रेस प्रत्याशी को जीत के लिये मात्र 700 चाहिये थे।

इन सीटों पर हार-जीत का अंतर
पन्ना जिले से गुनौर विधानसभा में नोटा पर 3734 वोट पड़े, जबकि कांग्रेस को 57657 और बीजेपी 55674 वोट मिले, यूपी बॉर्डर से लगे चंदला सीट में 2695 लोगों ने नोटा दबाया, जबकि जीत का अंतर मात्र 1100 रहा, बीना विधानसभा क्षेत्र में भी नोटा पर 1528 लोगों ने वोट किया, जबकि जीत का अंतर सिर्फ 600 वोटों का रहा।