कलेक्टर की नौकरी भी छोड़ दी, विधायक भी नहीं बन पाये, सरकार भी चली गई
आईएएस की नौकरी छोड़ने से पहले चौधरी रायपुर के कलेक्टर थे, इससे पहले वो दंतेवाड़ा के भी कलेक्टर रह चुके थे, पिछले विधानसभा चुनाव में वो जनसंपर्क विभाग में तैनात थे।
New Delhi, Dec 12 : कलेक्टर की नौकरी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए रायपुर के पूर्व डीएम ओम प्रकाश चौधरी छत्तीसगढ के खरसिया सीट से चुनाव हार गये हैं, ओ पी चौधरी को कांग्रेस उम्मीदवार उमेश पटेल ने मात दी है। आपको बता दें कि ओपी चौधरी को जहां 77234 वोट मिले, वहीं उमेश पटेल ने 94201 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। रमन सिंह सरकार के चले जाने के साथ-साथ ओ पी चौधरी के हार की भी खूब चर्चा हो रही है।
अमित शाह ने बीजेपी में कराया था शामिल
रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओ पी चौधरी को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने छत्तीसगढ के तत्कालीन सीएम रमन सिंह की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल कराया था, आपको बता दें कि ओम प्रकाश चौधरी 2005 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, उन्होने बीजेपी में शामिल होने के लिये 25 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद वो राजनीति में आए।
कांग्रेस गढ में नहीं लगा सकें सेंध
आपको बता दें कि ओ पी चौधरी अघरिया समुदाय से हैं, इस समुदाय का छत्तीसगढ में अच्छा वर्चस्व माना जाता है, इसके साथ ही चौधरी युवाओं के बीच अच्छे खासे लोकप्रिय थे, लेकिन उन्हें टिकट कांग्रेस के गढ कहे जाने वाले खरसिया सीट से दिया गया था, वो कांग्रेस के गढ में सेंधमारी करना चाह रहे थे, लेकिन उमेश पटेल ने उन्हें चित कर दिया।
नक्सल प्रभावित इलाकों में काम
आईएएस की नौकरी छोड़ने से पहले चौधरी रायपुर के कलेक्टर थे, इससे पहले वो दंतेवाड़ा के भी कलेक्टर रह चुके थे, पिछले विधानसभा चुनाव में वो जनसंपर्क विभाग में तैनात थे, वो मुख्यमंत्री रमन सिंह के करीबी अधिकारियों में गिने जाते थे, नक्सल प्रभावित इलाकों में अच्छा काम करने के लिये उन्हें प्रधानमंत्री ने सम्मानित भी किया था।
रमन सिंह ने ली हार की जिम्मेदारी
छत्तीसगढ के निवर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, आपको बता दें कि पिछले 15 साल से प्रदेश में बीजेपी की सरकार रमन सिंह की अगुवाई में चल रही थी, इस बार भी उन्हें आगे रखकर बीजेपी ने चुनाव लड़ा था, लेकिन नतीजे उनके पक्ष में नहीं रहे, रमन सिंह ने कांग्रेस को जीत पर बधाई दी है।