मान गये पासवान, एनडीए में सीटों पर बनी बात, कल होगा नीतीश की मौजूदगी में ऐलान

2019 लोकसभा चुनाव से पहले इस बार बिहार के राजनीतिक समीकरण बदल चुके हैं, एनडीए में इस बार जदयू शामिल है, रालोसपा अलग हो चुकी है।

New Delhi, Dec 21 : बिहार एनडीए में सीट समझौते के लेकर हायतौबा मची है, अब बीजेपी हाईकमान ने पार्टियों के बीच करीब-करीब सुलह कर लिया है, सूत्रों का दावा है कि एनडीए में सीटों को लेकर सहमति बन चुकी है, सीएम नीतीश कुमार के दिल्ली आने का इंतजार किया जा रहा है, कल इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी। दरअसल उपेन्द्र कुशवाहा के एनडीए छोड़ने के बाद रामविलास पासवान की पार्टी ने बीजेपी को चेताया था, कि जल्द से जल्द सीट शेयरिंग पर फैसला करें, तो नहीं तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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बैठकों का दौर जारी
पिछले 24 घंटे में लोजपा के शीर्ष नेताओं और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली के बीच 2 दौर की बैठक हो चुकी है, कल रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग ने अमित शाह से मुलाकात की थी, फिर रामविलास अरुण जेटली से मिले, मीटिंग के बाद चिराग पासवान ने कहा, जब अंतिम फैसला होगा, तो पूरी जानकारी आप लोगों को दी जाएगी, रामविलास के भाई रामचंद्र पासवान ने कहा कि एनडीए में सीट समझौते को लेकर कोई पेंच नहीं है, मिलकर हमलोग चुनाव लडेंगे।

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बीजेपी की बढी बेचैनी
पिछले कुछ दिनों में बिहार एनडीए को कई झटके लगे हैं, पहले तो रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा अलग हो गये, उन्होने एनडीए से नाता तोड़ महागठबंधन का रुख किया है, इन सब के बीच चिराग पासवान ने तीन कदम उठाये हैं, जिससे बीजेपी की बेचैनी बढ गई । पहला उन्होने टीडीपी और रालोसपा के एनडीए छोड़ने का जिक्र किया, फिर नोटबंदी पर सवाल उठाये, तीसरा एक इंटरव्यू में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ कर दी।

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सीटों को लेकर लड़ाई
आपको बता दें कि बिहार एनडीए में लड़ाई सीटों को लेकर है, पिछले 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी 40 में से 30 सीटों पर लड़ी थी, जिसमें 22 पर जीत मिली थी, लोजपा ने 7 और रालोसपा ने तीन पर उम्मीदवार खड़े किये थे, जिसमें लोजपा के 6 और रालोसपा के 3 सांसद जीते थे, 2014 में जदयू को दो, राजद को चार और कांग्रेस को दो सीटों पर जीत मिली थी ।

बदल चुके हैं राजनीतिक समीकरण
2019 लोकसभा चुनाव से पहले इस बार बिहार के राजनीतिक समीकरण बदल चुके हैं, एनडीए में इस बार जदयू शामिल है, रालोसपा अलग हो चुकी है, जदयू और बीजेपी बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है, लोजपा पिछले चुनाव की तरह ही कम से कम सात सीटों की मांग कर रही है, बीजेपी ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं है, इसी बात को लेकर पासवान नाराज हैं।